ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट का शुभारंभ का बोले अर्जुन मुंडा, झारखंड के आदिवासी समुदायों के लिए होगा गेम चेंजर साबित

झारखंड
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रांची। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने सेवा भारती और युवा विकास सोसाइटी के साथ ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का झारखंड में शुभारंभ किया। रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने 20 अगस्‍त को इसका शुभारंभ किया। मौके पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण उद्यमी परियोजना के तहत जनजातीय युवक युवतियों के कौशल विकास और उद्यमिता सशक्तिकरण के पहल की यह शुरुआत है।

मंत्री ने कहा कि रांची (झारखंड) में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय युवक-युवतियों के कौशल विकास और उद्यमिता को सशक्त बनाया जाएगा। इस प्रशिक्षण के पीछे ग्रामीण क्षेत्रों से भी राष्ट्र को आत्मनिर्भर भारत बनाने का लक्ष्‍य है। जनजातीय समाज अपने तरीके से जीने के आदी हैं। प्रकृति के साथ जुड़कर जीते हैं। हालांकि, धीरे धीरे बदलाव आते गए। दुनिया की आवश्यकता के साथ हम मानव संसाधन के रूप में जुड़ चुके हैं। पलायन की समस्या के निराकरण के लिए रोजगार, कौशल विकास, उद्यमिता विकास आज की जरूरत है। सबके पास अलग अलग क्षमता है, उसे सही दिशा देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान लोकल फॉर वोकल को एक लक्ष्य बनाएं। एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुंडा ने कहा कि हमारा पूरा ध्यान आदिवासी आबादी के लिए स्थायी आजीविका को मजबूत करने पर है। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 85,000 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। इस तरह की योजनाओं और पहलों के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए स्वामित्व बढ़ाने की भी सख्त आवश्यकता है। आदिवासी युवाओं में इतनी क्षमता और योग्यता है कि हमें उनकी प्रतिभा का सही जगह इस्तेमाल करने के लिए सही रास्ते तलाशने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट झारखंड के आदिवासी समुदायों के लिए गेम चेंजर साबित होगा।

कौशल विकास और उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि आत्मनिर्भर भारत का मार्ग आत्मनिर्भर गांवों, आत्मनिर्भर कस्बों और आत्मनिर्भर जिलों से होकर जाएगा। इसलिए, हमारे आदिवासी समुदाय भारत के आर्थिक विकास को गति देने के हमारे प्रयासों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुझे आशा है कि ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट ने मध्य प्रदेश में जो सफलता हासिल की है, उसे झारखंड में भी वही प्रतिक्रिया मिलेगी क्योंकि स्किलिंग किसी भी क्षेत्र की समृद्धि का पासपोर्ट है।

केंद्रीय जलशक्ति एवं जनजातीय कल्याण राज्यमंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे आदिवासी क्षेत्रों की समावेशिता, फाइनेंशियल ग्रोथ पर भी ध्यान केंद्रित किया है। निश्चित रूप से, ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट हमारी आदिवासी आबादी को आर्थिक सशक्तीकरण प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री वी सतीश और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद समीर उरांव, झारखंड के गुमला के पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव, मेयर डॉ आशा लकड़ा समेत अन्य सांसद, विधायक आदि मौजूद थे।