रांची। छठी जेपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट में 26 जुलाई को सुनवाई हुई। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में लगातार 2 घंटे बहस चली। बाहर किए गए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने रखा पक्ष।
वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखते हुए जेपीएससी द्वारा रिवाइज रिजल्ट की मार्किंग पैटर्न को सही बताया गया। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने कई बार अपना स्टैंड बदला है। इसलिए पेपर 1 का अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ सकता। इसके लिए कई बाध्यता है।
पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे प्रार्थी दिलीप कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता सुभासिक रसिक सोरेन ने रखा पक्ष। पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि मार्किंग पैटर्न में बदलाव मुख्य परीक्षा से ही शुरू किया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी बताया कि अदालत के सामने कई सरकारी सर्कुलर नहीं पेश किए गए हैं। अदालत ने उन्हें कल तक का समय दिया।
इधर, राज्य सरकार द्वारा झारखंड हाईकोर्ट के खंडपीठ के फैसले पर सहमति जताई गई। रिवाइज रिजल्ट को सही ठहराया गया। इस मामले में 27 जुलाई की दोपहर 2 बजे से फिर बहस होगी। कल फाइनल बहस हो सकती है।