किसानों की मांग और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर नई किस्में विकसित करें वैज्ञानिक : वीसी

झारखंड कृषि
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  • बीएयू में 19 वीं सीड काउंसिल की बैठक का आयोजन

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की 19वीं सीड काउंसिल की बैठक शुक्रवार को कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें कुलपति ने वैज्ञानिक एवं किसानों को मौसम एवं स्थानीय कृषि पारिस्थितिकी के अनुरूप फसल व उपयुक्त प्रभेद के चयन को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग एवं आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर वैज्ञानिक नई किस्में विकसित करें, ताकि किसानों को कम लागत में अधिक फसल उपज मिल सकें।

मौके पर विशिष्ट अतिथि पूर्व निदेशक अनुसंधान डॉ अब्दुल वदूद ने हाल के दो वर्षो में राज्य के उपयुक्त नये उन्नत किस्मों को विकसित करने और स्टेट एवं सेंट्रल वेरायटल रिलीज कमेटी से अनुमोदन मिलने पर बधाई दी। राज्य हित में सभी नये किस्मों के स्टेट सीड चैन में शामिल करने की जरूरत बताई।

काउंसिल के एक्सपर्ट डॉ एसएस सिंह ने झारखंड की जलवायु, मौसम एवं कृषि पारिस्थितिकी के अनुरूप कम अवधि एवं पानी वाली फसल किस्मों पर विशेष शोध, इन किस्मों के प्रजनक एवं आधार बीज के उत्पादन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर उन्नत बीज की आवश्‍यकता का आकलन कम से कम दो से तीन वर्ष पूर्व करने की जरूरत है, ताकि समय पर उन्नत बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

निदेशक अनुसंधान डॉ एसके पाल ने कहा कि प्रदेश के वर्तमान खरीफ मौसम में अभी 10-12 दिनों की सूखा अवधि देखी जा रही है। ऐसी परिस्थिति में सूखा रोधी फसल किस्मों को अधिकाधिक बढ़ावा देना होगी। फसल के साथ वानिकी एवं पशुपालन से सबंधित क्षेत्रों में ध्यान देना होगा।

निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने राज्य के किसानों से संवाद के माध्यम से बीज उत्पादन की रणनीति बनाने की बात कही। कृषि निदेशालय के प्रतिनिधि उप निदेशक (योजना) संतोष कुमार ने विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित उन्नत नये किस्मों को राज्य सरकार की योजनाओं में शामिल करने को आश्वस्त किया। मौके पर प्रगतिशील किसान भूपेन्द्र गंझू एवं शिव उरांव ने किसानों की बीज आवश्यकता पर विचार व्यक्त किया।

निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ शम्भू नाथ कर्माकार ने वर्ष 2021-22 में विश्वविद्यालय मुख्यालय, गोरिया कर्मा फार्म, तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों और 24 कृषि विज्ञान केन्द्रों में खाद्यान, दलहन, तेलहन फसलों के नाभिकीय बीज, प्रजनक बीज, आधार बीज एवं प्रमाणित बीज उत्पादन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वर्ष 2022-23 में बीज उत्पादन की कार्ययोजना काउंसिल के अनुमोदन के लिए रखा। बैठक में डॉ सीएस महतो ने राज्य के 5 जिलों में संचालित दलहन सीड हब कार्यक्रम का प्रतिवेदन और डॉ रवि कुमार ने 18वीं सीड काउंसिल का प्रतिवेदन रखा।

स्वागत डॉ शम्भू नाथ कर्माकार और धन्यवाद एसएन गिरी ने कि‍या। मंच का संचालन शशि सिंह ने किया। काउंसिल की बैठक को सफल बनाने में डॉ सुप्रिया सिंह, कुमार सुनील, शमीम अख्तर एवं कुमार पंकज का योगदान रहा। मौके पर डॉ सुशील प्रसाद, डॉ डीके शाही, डॉ पीके सिंह, डॉ राकेश कुमार एवं केवीके वैज्ञानिक भी मौजूद थे।