बाल विवाह की रोकथाम के लिए छात्राओं को किया जागरूक

झारखंड
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  • एनीमिया जांच शिविर का हुआ आयोजन

योगेश कुमार पांडेय

जमुआ (गिरिडीह)। गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के कारोडीह स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में शनिवार को बाल विवाह की रोकथाम पर जागरुकता और एनीमिया जांच का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम ने छात्राओं को बाल विवाह निषेध अधिनियम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कहा कि बाल विवाह सामाजिक बुराई के साथ कानूनन दंडनीय अपराध है। लड़की के कम से कम 18 और लड़का के 21 वर्ष के होने के बाद ही शादी की जा सकती है।

संरक्षण पदाधिकारी श्यामा प्रसाद ने बाल विवाह होने के बाद हानि‍ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पीएलवी सुबोध कुमार साव और पीएलवी हीरा देवी ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषियों के लिए दो वर्ष कारावास / एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। महिलाओं को सिर्फ एक लाख का जुर्माना हो सकता है।

जागो फाउंडेशन के सरोजित कुमार और समन्वयक चाइल्डलाइन अनंत कुमार ने चाइल्ड लाईन 1098 के बारे में बताया। स्वास्थ्य विभाग से कम्‍युनिटी हेल्थ ऑफिसर बलराम सिंह गुर्जर और उनके सहयोगी ने उपस्थित बच्चियों की एनीमिया की जांच की। विद्यालय की वार्डेन शैलबाला कुमारी ने भी अपना विचार रखें। छात्राओं को एनीमिया के लक्षण, कारण और रोकथाम की विस्तृत जानकारी दी गई। उक्त अवसर पर शिक्षिका, कर्मी सहित छात्राएं उपस्थित थे।