सीएम हेमंत सोरेन का बड़ा एलानः बिहार के इन लोगों को भी मिलेगा झारखंड में आरक्षण का लाभ

झारखंड
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रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा एलान किया है। हेमंत ने कहा है कि कैडर विभाजन के बाद बिहार से आए आरक्षित वर्ग के कर्मियों के बच्चों को झारखंड में आरक्षण दिया जाएगा।

राज्य गठन के पहले और कैडर विभाजन के आधार पर आरक्षित कैटेगरी के एसटी, एससी, अत्यंत पिछड़े वर्ग, पिछड़ा वर्ग से झारखंड राज्य में पदस्थापित हुए कर्मी जो बिहार के निवासी रहे हों, तो भी उनकी आरक्षण कैटेगरी की मान्यता झारखंड में अब प्रदान की जाएगी। यानी नियुक्तियों में अब उनके संतानों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।

इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। सरकार का कहना है कि झारखंड में आरक्षण का लाभ लेने के बाद उन्हें अपने मूल राज्य बिहार में आरक्षण का लाभ नहीं लेना होगा। इसके लिए उन्हें शपथ पत्र भरकर बिहार के संबंधित जिले को पूरी सूचना देनी होगी। अगर व्यक्ति दोनों राज्यों से आरक्षण का लाभ लेता है, तो इसे गैर कानूनी माना जाएगा।

इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार राजभाषा विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है। कार्मिक विभाग ने सिविल अपील में पंकज कुमार बनाम स्टेट ऑफ झारखंड एवं अन्य में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 19 अगस्त, 2021 को पारित न्यायादेश के आलोक में बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 200 की धारा-73 से आच्छादित सरकारी कर्मियों तथा उनके संतानों को आरक्षण का लाभ अनुमान्य होगा, साथ ही सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों के संतानों को भी यह लाभ मिलेगा।

इससे पहले झारखंड में आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हें मिला था, जो झारखंड के मूल निवासी हैं या फिर बिहार से अलग होने के वक्त में झारखंड के सरकारी विभाग में कार्यरत बिहार निवासी रहे हों। विभाग ने 25 फरवरी 2019 को निकाली गई अधिसूचना को संशोधित कर यह नई अधिसूचना जारी की है।

अब झारखंड बनने से पहले और बिहार से आए आरक्षित कैटगरी के कर्मचारियों के संतानों को भी लाभ देने का फैसला किया गया है।