बायोमैट्रिक उपस्थिति बना सिरदर्द, शिक्षकों ने बीईईओ से लगाई गुहार

झारखंड शिक्षा
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विवेक चौबे

गढ़वा। बायोमैट्रिक उपस्थिति झारखंड के सरकारी स्‍कूल के शिक्षकों के सिरदर्द बनता जा रहा है। इसे अनिवार्य कर दिये जाने के कारण शिक्षकों को वेतन भुगतान में भी परेशानी आने लगी है। ऐसा ही एक मामला झारखंड के गढ़वा जिले से आया है।

गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय के सभी शिक्षक बायोमैट्रिक उपस्थिति नहीं बना पा रहे हैं। बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने में वह असमर्थ हैं। उन्‍होंने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।

शिक्षकों ने आवेदन में लिखा है कि उक्त विद्यालय को प्राप्त सरकारी टैब और स्केनर पूर्णतः खराब हो गया है। इसके कारण वे बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बना पा रहे हैं। बायोमेट्रिक उपस्थिति या तो सरकारी व्यवस्था से बनानी चाहिए या फिर प्रधानाध्यापक के निर्देशन व व्यवस्था में। इस प्रकार से विद्यालय के शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति असमानता और एकरूपता में घोर अभाव होता जा रहा है। इसके कारण वेतन भुगतान में भी अड़चन आ सकती है।

आवेदन पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षक राम प्रसाद पाठक, विद्यानि बाखला, निरंजन साह, प्रभा कुमारी, मुकेश कुमार चतुर्वेदी, सत्येंद्र कुमार मेहता, महेंद्र मिस्त्री, दुर्गेश कुमार दुबे, नागेंद्र प्रसाद गुप्ता, उमेश कुमार, अवधेश मेहता, प्रवीण कुमार, उदय राम, जय प्रकाश, राजीव रंजन, नरेंद्र कुमार मिश्रा, सत्येंद्र कुमार, आलोक कुमार, उपेंद्र राम, सुनीता कुमारी, विपिन कुमार व अन्य के नाम भी शामिल हैं।