पटना। चौंकाने वाली खबर बिहार से है। पीएफआइ और एसडीपीआइ ने पूरे बिहार में अब तक करीब 20 हजार से अधिक युवकों को संगठन से जोड़ लिया था। ये सभी संगठन के सक्रिय सदस्य हैं।
साथ ही करीब 10 हजार लोगों को मार्शल ट्रेनिंग और शारीरिक प्रशिक्षण देने के नाम पर ब्रेनवॉश कर चुके हैं। इसका खुलासा शनिवार की शाम पांच बजे बेऊर जेल से रिमांड पर लिये गये पीएफआइ के अतहर परवेज और अरमान मलिक ने किया है।
सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान पुलिस टीम ने यह भी जानकारी ली है कि प्रशिक्षित युवक अभी कहां हैं और क्या कर रहे हैं? बताया जाता है कि दोनों ने संगठन के संबंध में कई अहम जानकारियां भी दी हैं।
अतहर और अरमान के खाते के संबंध में भी पूछताछ की गयी है और उन सभी की डिटेल बैंक से ली जायेगी। इसके अलावा उनके मोबाइल से बरामद आपत्तिजनक व संवेदनशील वीडियो, तस्वीरों व ऑडियो क्लिप के संबंध में पूछताछ की गयी।
सूत्रों का कहना इन दोनों से फंडिंग, सदस्य बनाने, प्रशिक्षण कराने, स्लीपर सेल आदि के संबंध में विस्तार से पूछताछ की गयी।
इन दोनों से पुलिस टीम ने पहले अलग-अलग पूछताछ की और फिर आमने-सामने बैठा कर उनके दिये गये जवाबों का सत्यापन किया। टीम ने ऐसा इसलिए किया, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि दोनों में से कौन झूठी जानकारी दे रहा है। रियाज कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बनतवाल के फरंगीपेट का रहने वाला है।
रियाज का संपर्क पाकिस्तान, बांग्लादेश व गल्फ कंट्री के लोगों से है। झारखंड के दुमका, पाकुड़, उदवा, जामताड़ा, बड़हरवा आदि इलाकों में पीएफआइ का गढ़ है। यहां से काफी रकम बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों को भेजी जाती है।
एएसपी फुलवारीशरीफ मनीष कुमार से कुछ पत्रकारों ने सवाल किया कि परिजन मरगूव को मानसिक रूप से अस्वस्थ बता रहे हैं। इस पर एएसपी ने कहा कि जिस व्यक्ति के मोबाइल फोन से काफी संख्या में देश विरोधी वीडियो, फेसबुक व इस्टाग्राम पर किये गये पोस्ट मिले हैं, वह मानसिक रूप से अस्वस्थ कैसे हो सकता है?
मरगूव को आपत्तिजनक व देश विरोधी वीडियो व तस्वीरों को पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मरगूव गजवा ए हिंद नाम के एक वाट्सएप ग्रुप का एडमिन था और उसमें देश-विदेश के 181 सदस्य शामिल थे।