वाहन चलाने वालों के लिए बुरी खबरः 15 साल से पुराने करीब 1 करोड़ वाहनों को सड़क से हटाने का आदेश

नई दिल्ली देश
Spread the love

नई दिल्ली। वाहन चलाने वालों के लिए बुरी खबर है। 15 साल पुराने करीब 1 करोड़ वाहनों को सड़क से हटाने का आदेश दिया गया है।

यह आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिया है। अपने आदेश में एनजीटी ने कहा कि अगले छह महीनों के भीतर पश्चिम बंगाल में 15 साल से पुराने सभी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए।

अपने आदेश में, ट्रिब्यूनल ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बीएस-IV (भारत स्टेज) से नीचे के सार्वजनिक वाहनों को अगले छह महीनों में चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाए।

कोलकाता में एनजीटी की पूर्वी पीठ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सीएनजी बसों और इलेक्ट्रिक बसों को लाकर, पुराने वाहनों को क्लीनर और ग्रीन टेक्नोलॉजी में बदलाव किया जा सकता है। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति बी अमित स्टालेकर और विशेषज्ञ सदस्य सैबल दासगुप्ता शामिल हैं।

कोलकाता और हावड़ा में प्रदूषण का प्रमुख कारण कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी, नगर निगम द्वारा कचरे को जलाना, वाहनों से होने वाला प्रदूषण, सड़क की धूल और हॉट-मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर से निकलने वाले प्रदूषण हैं।

इस मामले पर सुभाष दत्ता, ग्रीन एक्टिविस्ट, जिन्होंने 2021 में एनजीटी में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक आदेश है, लेकिन यह केवल शुरुआत है और काम जारी रहना चाहिए।

राज्य में लगभग 10 मिलियन ऐसे पुराने वाहन सड़क पर हैं, और यह संभव है कि उन सभी को छह महीने की समय सीमा में चरणबद्ध तरीके से हटाया नहीं जा सकता। हम इसके बारे में चिंतित हैं।

सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2019 में कोलकाता में 219,137 कमर्शियल व्हीकल और 1,820,382 प्राइवेट व्हीकल थे जो 15 साल से अधिक पुराने थे। राज्य परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कोलकाता में, हम 1200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें लॉन्च करना चाहते हैं। शहर में पहले से ही ऐसी 80 बसें फिलहाल चल रही हैं।”

इसके अलावा दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ने बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) वाले वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है और उनसे वैध प्रमाणपत्र प्राप्त करने अथवा जुर्माना भरने के लिए तैयार रहने को कहा है।

अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में दिल्ली में 13 लाख दोपहिया और तीन लाख कारों सहित कुल 17 लाख से अधिक वाहन बिना वैध पीयूसी के सड़कों पर चल रहे हैं।

एक अधिकारी ने कहा, ”हमने लगभग 14 लाख वाहन मालिकों को वैध पीयूसी प्राप्त करने के लिए एसएमएस भेजकर कहा है कि यदि वे इसे समय पर नहीं प्राप्त करते हैं, तो उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।

दो-तीन महीनों के भीतर प्रदूषण का मौसम आ रहा है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कुछ हद तक वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करें। वैध पीयूसी प्राप्त करने के लिए लोगों को चेतावनी देना उस दिशा में उठाया गया एक कदम है।”