मिड डे मील में अब सहजन के फल, फूल और पत्ती का होगा उपयोग

झारखंड मुख्य समाचार शिक्षा
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  • स्‍कूलों में विकसित किये जाएंगे किचन गार्डेन, निदेशक ने आदेश किया जारी

रांची। झारखंड के सरकारी स्‍कूलों में विद्यार्थियों को मिलने वाले मध्‍याह्न भोजन में अब मोरिंगा यानी सहजन के फल, फूल एवं पत्ती का उपयोग किया जाएगा। सभी स्‍कूलों में किचेन गार्डेन के रूप में मोरिंगा के पौधे भी लगाये जाएंगे। इस संबंध में झारखंड राज्य मध्‍याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक किरण कुमारी पासी ने 27 जुलाई को आदेश जारी किया है। इसकी जानकारी सभी उपायुक्‍त, उप विकास आयुक्‍त, जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी है। उन्‍होंने पत्र में मोरिंगा के फायदे भी गिनाये हैं।

निदेशक ने लिखा है कि प्रधानमंत्री घोषण शक्ति निर्माण (PM POSHAN) केंद्र प्रायोजित एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य विद्यालय में बच्‍चों का ठहराव, शत-प्रतिशत उपस्थिति, सामुदायिक भागीदारी, पौष्टिक एवं पोषणयुक्त स्वास्थ्यवर्धक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना है। भोजन में पौष्टिकता की वृद्धि के लिए मध्याह्न भोजन में मोरिंगा, मुलगा, सीटी, सहजन, जोंकी का पत्ता, फल, फूल का उपयोग किया जा सकता है।

निदेशक ने लिखा है कि कृषि विज्ञान केंद्र, मनरेगा, उद्यान विज्ञान एवं झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के सहयोग से भी सभी विद्यालयों में किचेन गार्डेन के रूप में मोरिंगा का लगाया जाय, जिसके लिए अभी अनुकूल समय है।

मोरिंगा का पत्ता, फल, फूल तीनों का उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जा सकता है।

मोरिंगा के उपयोग की महत्ता के अंतर्गत निर्देश है कि राज्य में मध्याह्न भोजन में मोरिंगा फल, फूल एवं पत्ती का उपयोग अवश्य किया जाय, ताकि पोषक तत्‍वों की उपलब्‍धता की प्रतिपूर्ति हो सके। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय।

मोरिंगा में उपलब्ध पोषक तत्व

प्रोटिन : पालक से 9 गुणा

कैल्‍शियम : दूध से 14 गुणा

पोटेशियम : केला से चार गुणा

विटामिन C : संतरा से सात गुणा

विटामिन A : गाजर से 2 गुणा

इन उद्देश्यों को प्रतिपूर्ति होगी

डायबिटीज नियंत्रण

बैक्टेरियल वायरस एवं फंगल संक्रमण से मुक्ति

जोड़ों में दर्द से मुक्ति

कैंसर नियंत्रण

कुपोषण से मुक्ति