बारिश की कमी को देखते हुए वैकल्पिक फसल की खेती करने की सलाह

झारखंड कृषि
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  • रांची जिले की पंचायतों में हो रही है किसान गोष्‍ठी

रांची। वर्तमान खरीफ मौसम में वर्षापात और पिछले वर्ष की तुलना में धान फसल के आच्छादन में कमी दर्ज की गई है। इसके मद्देनजर किसानों को कृषि कार्य के लिए जरूरी सलाह एवं वैकल्पिक खेती के बारे में बताया जा रहा है। इस क्रम में 23 जुलाई को रांची जिले के कांके प्रखंड के मुरुम ग्राम में किसान गोष्‍ठी हुई। इसकी अध्‍यक्षता रांची जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने की। उक्त कार्यक्रम में स्थानीय BAO, BTM, ATM, कृषक मित्र के साथ-साथ गांव के लगभग 150 महिला एवं पुरुष किसानों ने भाग लिया।

जानकारी हो कि वर्तमान मौसम को ध्यान में रखते हुए जिले की सभी पंचायतों में किसान गोष्ठी कराने का आदेश दिया गया है। किसानों को धान की कम अवधि‍ और सूखा रोधी प्रभेद यथा सहभागी, IR 64 (DRT) लगाने की सलाह दी जा रही है। वैकल्पिक फसल के रूप में मड़ुआ, सरगुजा, कुलथी आदि लगाए जाने का सुझाव भी दि‍या जा रहा है।

रांची जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मौसम पुर्वानुमान के अनुसार वर्षा की पूरी उम्‍मीद है। ऐसे में किसान हतोत्साहि‍त नहीं हो। वर्षा के साथ ही यथाशीघ्र रोपा करें। विलंब होने की स्थिति में छीटा विधि से धान की खेती करें।

रांची जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मांडर के कनभिटा एवं मुरमा गांव में भी 22 जुलाई को किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया था। रांची जि‍ले के सभी प्रखंड में किसानों को उचित सलाह एवं जानकारी दी जा रही है।

उक्त सभी कार्यक्रम में किसानों को केसीसी, झारखंड राज्य फसल राहत योजना, झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के सहित अन्‍य विभागीय योजनाओं की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है। प्रत्येक गोष्ठी मे  किसानों का निबंधन ब्‍लॉक चेन में किए जाने के लिए उनसे बीज की जरूरत की जानकारी लेते हुए निबंधन की कार्रवाई की जा रही है।

जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा किसानों को विभागीय योजनाओं के माध्यम से हर तरह की सहायता उपलब्ध कराए जाने के प्रति आश्वस्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को जिला उद्यान कार्यालय की तरफ से नि:शुल्क सब्जी बीज भी उपलब्ध कराया गया।