नई दिल्ली। शीशे की सफाई के बहाने कगाड़ी पर लगे FASTag को स्कैन कर पैसे उड़ाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है. NPCI ने अपने क्लेरीफिकेशन दावा किया है कि फास्टैग को स्कैन कर कोई भी अनधिकृत व्यक्ति पैसे नहीं निकाल सकता है.
NPCI ने बताया कि फास्टैग को सिर्फ पर्सन टू मर्चेंट (P2M) ट्रांजेक्शन के लिए डिजाइन किया गया है. इससे पर्सन टू पर्सन (P2P) लेनदेन नहीं किया जा सकता है. इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने खाते में फास्टैग की रकम ट्रांसफर नहीं कर सकता है. टोल प्लाजा पर सिर्फ ऑथराइज्ड सिस्टम इंटीग्रेटर्स को ही इसमें से पैसे काटने की इजाजत दी गई है. इसके अलावा ओपन इंटरनेट के इस्तेमाल से इसके खाते में लेनदेन संभव नहीं है. टोल प्लाजा पर इंस्टॉल सिस्टम और बैंक के बीच आईपी एड्रेस व यूआरएल के जरिये कनेक्शन रखा जाता है और बिना इस ऑथेंटिकेशन के फास्टैग से ट्रांजेक्शन नहीं हो सकता है.
NPCI के मुताबिक प्लाजा पर जब भी कोई ट्रांजेक्शन जेनरेट होता है तो बैंक के आईडी एड्रेस के जरिये उसके पास क्लीयरेंस के लिए आता है और NPCI की अनुमति के बाद ही बैंक टोल पर भुगतान को आगे बढ़ाता है. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लड़के हाथों में घड़ी जैसी डिवाइस पहनकर वाहन का शीशा साफ करने के बहाने फास्टैग स्कैन कर रहे फास्टैग खाते में रखी रकम उड़ा ले गए.
हालांकि, पीआईबी एक दिन पहले ही ट्वीट कर इस वीडियो को फेक बता चुका है. अब NPCI ने विस्तार से बताया है कि फास्टैग 6 स्तरीय सुरक्षा से लैस है और इसमें सेंध लगाना नामुमकिन है.