विकास और आर्थिक वृद्धि की दौड़ में पर्यावरण संबंधी बातों की अनदेखी की गई : सीएमडी

झारखंड
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  • सीएमपीडीआई में विश्‍व पर्यावरण दिवस पर व्‍याख्‍यानमाला

रांची। विश्‍व पर्यावरण दिवस-2022 के अवसर पर सीएमपीडीआई के मयूरी प्रेक्षागृह में 3 जून को ‘केवल एक पृथ्वी’ थीम पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘लिविंग सस्टेनेबली इन हारमोनी विथ नेचर’ था। इसका उद्घाटन सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार ने किया।

इस अवसर पर कुमार ने कहा कि हम सभी इस बात से अवगत हैं कि विकास और आर्थिक वृद्धि की दौड़ में पिछले कई दशकों से पर्यावरण संबंधी बातों की अनदेखी की गई है। पर्यावरणीय विशेषताएं इसकी सीमा से आगे निकल गई हैं। कई पर्यावरणीय संकेतकों के संदर्भ में कोई स्थान नहीं बचा है। जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैव विविधता की हानि और प्रदूषण ने हमारे चारों ओर पृथ्वी को ‘कोड रेड’ बना दिया है। हर दिन और अधिक अमंगलसूचक होता जा रहा है। प्रदूषण हवा, जमीन और पानी में जहर घोल रहा है।

सीएमडी ने कहा कि पृथ्वी की भलाई में योगदान करने के लिए कोयला क्षेत्र को प्राथमिकता, कार्बन डाइऑक्साइड और वायु प्रदूषण में कमी, पारिस्थितिकी और जैव-विविधता की बहाली एवं जल संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। सतत विकास प्रकोष्ठ के कामकाज के साथ इस तरह की कार्रवाई अब प्राथमिकता पर की जा रही है। आने वाले वर्षों में आशा है कि कोल इंडिया उत्सर्जन में कमी, नवीकरणीय ऊर्जा और पारिस्थितिकी और जैव-विविधता की बहाली में बहुत योगदान देगा। सीएमपीडीआई, कोल इंडिया लिमिटेड का थिंक-ब्रेन होने के नाते, स्थिरता और विकास के बीच की खाई को पाटने के लिए हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ कदम आगे रखा है और टिकाऊ कोयला खनन की चुनौतियों का सामना करेगा।

इस मौके पर डॉ वी मोहन, भूतपूर्व वैज्ञानिक, इंस्टीच्यूट ऑफ फॉरेस्ट जेनेटिक्स एंड ट्री ब्रीडिंग (आईएफजीटीबी), कोयम्बटुर ने अपने एक प्रस्तुति द्वारा सम्यक विषय पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सीएमपीडीआई के निदेशक (सीआरडी/ईएस) एसके गोमास्ता, महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। धन्यवाद डॉ पीसी झा ने किया।