रांची। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे के साथ संपन्न हुई वार्ता के बाद चैंबर भवन में झारखंड चैंबर ने खाद्यान्न व्यापारियों के साथ बैठक की। व्यापारियों ने कृषि मंत्री के आश्वासन पर आंदोलन को स्थगित करने की सहमति दी।
बैठक के बीच में ही कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष कुमार राजा ने उपस्थित होकर झारखंड चैंबर से इस आंदोलन को स्थगित करने के लिए कृषि मंत्री की ओर से आभार जताया। मौके पर ही महागामा विधायिका दीपिका पांडे सिंह ने भी चैंबर पदधारियों को फोन करके, आंदोलन स्थगित करने का आग्रह किया। यह भी वायदा किया कि कृषि शुल्क को शून्य कराने में वे झारखंड चैंबर का सहयोग करेंगी।
फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूरे प्रदेश के व्यवसायिक संगठन, जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स, खाद्यान्न व्यवसायियों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े व्यापारियों के साथ कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव के आग्रह पर विस्तार से चर्चा की गई। चर्चाओं में सर्वसम्मति से राज्यव्यापी खाद्यान्न व्यापार अनिश्चितकालीन बंद के निर्णय को स्थगित करने की सहमति बनाई गई।
यह भी कहा गया कि सरकार हमारे हितों की रक्षा करेगी, यह अच्छी बात है। यदि किसी भी प्रकार का निर्णय व्यवसाय, उद्येाग या किसान के अहित में आयेगा तो यह आंदोलन सिर्फ स्थगित किया गया है, समाप्त नहीं किया गया है। हम पुनः आंदोलन के लिए विवश होंगे।
कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के सचिव के साथ हुई वार्ता में झारखंड चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी, प्रवीण जैन छाबड़ा और रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी शामिल थे।
सुबह में अपर बाजार में भी प्रतिष्ठान बंद रख कर व्यापारियों ने विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया। इस अवसर पर चैम्बर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, सह सचिव शैलेश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा के अलावा इस आंदोलन को समर्थन दे रहे विभिन्न व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।