- स्वयंसेवकों को बांटे गए 40 नेस्ट बॉक्स
सुकिंदा (ओडिशा)। टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (TSML) ने घरेलू गौरैयों की आबादी बढ़ाने का संदेश फैलाने की पहल की है। इसके लिए ओडिशा के जाजपुर जिला स्थित सुकिंदा क्रोमाइट माइन में एक संरक्षण अभियान ‘लव स्पैरो’ शुरू किया है।
गौरैया संरक्षण के लिए योगदान देने के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले 40 स्वयंसेवकों को कृत्रिम नेस्ट बॉक्स दिए गये। ये वैज्ञानिक डिजाइन और क्षेत्र के आंकड़ों के आधार पर तैयार किए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य प्रजातियों के संरक्षण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए पक्षियों को बॉक्स में अधिक घोंसले बनाने में मदद करना है।
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता विशेषज्ञ डॉ रान्डल डी ग्लाहोल्ट ने टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार सतीजा के साथ औपचारिक रूप से इस पहल की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में वन्यजीव और पारिस्थितिकी अनुसंधान जीवविज्ञानी सुश्री गायत्री देवी और टीएसएमएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक सुशांत कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे।
इस पहल से उत्साहित डॉ ग्लाहोल्ट ने कहा कि लव स्पैरो कार्यक्रम टाटा स्टील माइनिंग द्वारा अपनी जैव विविधता प्रबंधन योजना के एक भाग के रूप में एक बड़ा कदम है। ये जमीनी स्तर के प्रयास गौरैयों के संरक्षण में मदद करेंगे। अंततः क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध करने में योगदान देंगे।
इस अवसर पर सतीजा ने कहा कि हमने अपने संचालन क्षेत्रों में जैव विविधता के संरक्षण और बहाली के लिए कई पर्यावरणीय पहल किये हैं। जैव विविधता संरक्षण पहल की सफलता के लिए सामुदायिक भागीदारी एक महत्वपूर्ण तत्व है। मुझे उम्मीद है कि यह अभियान गौरैया संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा।
यह आम पक्षी प्रजातियों के लिए एक राजदूत है। आम घरेलू गौरैया आसपास के सबसे सर्वव्यापी पक्षियों में से एक है। इंसानों का एक परिचित पंख वाला साथी है। हालांकि, हाल के दिनों में इसकी संख्या में उतार-चढ़ाव का रुझान देखा गया है। इस कार्यक्रम ने गौरैया और उसके आवास के संरक्षण के लिए एक आशा की किरण जगाई है।