स्‍कूलों का होगा ऑडिट, इन फर्म को मिला इस जिले का काम

झारखंड शिक्षा
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  • ऑडिट के क्रम में कई बिंदुओं का करना है पालन  

रांची। झारखंड के स्‍कूलों के अंकेक्षण (ऑडिट) के लिए फर्म को कार्य आवंटित कर दिये गये हैं। ऑडिट के क्रम में उन्‍हें कई बिंदुओं का पालन करने का निर्देश दिया गया है। ऑडिट प्रतिवेतन 20 मई को कार्यालय को उपलब्‍ध करना है। कार्य आवंटित करते हुए उक्‍त निर्देश जेइपीइ की राज्‍य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने दि‍ए हैं।

निदेशक ने आदेश में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के आंतरिक अंकेक्षण के लिए उक्‍त फर्म को कार्य आवंटित किया गया था। वित्तीय वर्ष 2019-20 के कार्य और शर्तो (TOR) के अनुसार ही वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कार्य आवंटित किया गया है। समग्र शिक्षा के अंतर्गत जिला कार्यालय, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, समर्थ विद्यालय एवं विद्यालय प्रबंध समिति (SMC/SMDC) स्तर पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राप्ति एवं व्यय का आंतरिक अंकेक्षण किया जाना है।

निदेशक ने लिखा है कि सभी बिन्दुओं का प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख करते हुए प्रतिवेदन जिला एवं राज्य कार्यालय को समर्पित करेंगे। प्रतिवेदन में किसी बिन्दु पर स्पष्ट मंतव्य नहीं देने पर यह माना जायेगा की आवश्यक तथ्यों को छुपाने में फर्म की सहभागिता मानते हुए भुगतान नहीं किये जाने अथवा कटौती उपरांत भुगतान संबंधी कार्रवाई की जायेगी।

इन बिंदुओं का करना होगा पालन

आवंटित जिला के अंकेक्षण कार्य के लिए तिथिवार अंकेक्षण कार्यक्रम राज्य एवं जिला कार्यालय को निश्चित रूप से समर्पित करेंगे।

अंकेक्षित लेखों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, समर्थ विद्यालय एवं जिला कार्यालय के अलग-अलग एवं समेकित त्रैमासिक लेखे तैयार किये जाने में अनुसमर्थन प्रदान करते हुए पाई गई त्रुटियों का नियमानुकूल निराकरण संबंधी लेखांकन करायेंगे।

विद्यालय प्रबंध समिति/विद्यालय प्रबंधन विकास समिति के लिए उपलब्ध कराये गये प्रपत्र में अंकेक्षण प्रतिवेदन जिला को समर्पित करते हुए एकीकृत प्रतिवेदन राज्य कार्यालय में समर्पित करेंगे।

अंकेक्षण कार्य में किसी प्रकार के व्यवधान की लिखित सूचना राज्य एवं जिला कार्यालय को दिया जायेगा, जिसकी समीक्षा कर राज्य कार्यालय आवश्यक समन्वयन करायेगा। लिखित सूचना नहीं रहने पर अथवा कार्य में लापरवाही परिलक्षित होने की स्थिति में आवंटित जिला का अंकेक्षण कार्य दूसरे अंकेक्षण फर्म से कराये जाने की प्रक्रिया अपनायी जाएगी। तदनुसार अंकेक्षण शुल्क का भुगतान किया जायेगा।

अंकेक्षण कार्य 2 मई, 2022 से प्रारंभ कर जिला स्तर पर अलग-अलग और समेकित सभी कार्यक्रमों के अंकेक्षित लेखे अंकेक्षण प्रतिवेदन सहित राज्य कार्यालय एवं जिला कार्यालय को 20 मई, 2022 तक उपलब्ध कराना सुनिचित करेगे। उचित कारणों से अंकेक्षण कार्य में विलंब पर राज्य कार्यालय द्वारा विचार किया जायेगा।

गत वर्ष के वैधानिक, महालेखाकार एवं वित्त विभाग द्वारा की गई आपत्तियों का निराकरण प्रतिवेदन तैयार कराना और इसकी स्थिति का उल्लेख प्रतिवेदन में करना आवश्यक है।

अंकेक्षण के क्रम में समग्र शिक्षा वित्तीय मैनुअल एवं समय-समय पर दिये गये निर्देशों के अनुपालन के लिए अनुसमर्थन प्रदान करेगे।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, समर्थ विद्यालय और जिला कार्यालयों पर किये जा रहे भुगतान से संबंधित सभी वैधानिक कर कटौतियां, ससमय राशि जमा किये जाने एवं रिटर्न फाईलिंग की स्थिति को सुदृढ़ करना।

मासिक बैंक समासोधन विवरणी तैयार कर संबंधित लेखांकन पूर्ण करने के लिए अनुसमर्थन।

त्रैमासिक बनाये गये तलपट में रहतिया की राशि का निश्चित रूप से लेखांकन।

लेखा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद रोकड़ बही का निरंतर संधारण।

लेखा एवं अभिश्रवों के संधारण की स्थिति एवं आंतरिक नियंत्रण को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक अनुसमर्थन प्रदान करना।

अग्रिम समायोजन संबंधी विपत्रों की गहनता से जांच कर प्रतिवेदित करना।

प्रत्येक जिला अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति एवं विद्यालय प्रबंधन विकास समिति की कुल संख्या का कम से कम 5 प्रतिशत समितियों का अंकेक्षण किया जायेगा। अंकेक्षण के लिए समितियों का चयन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा इस प्रकार किया जायेगा कि पिछले वित्तीय वर्ष में जिन समितियों का अंकेक्षण नहीं हुआ हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाय। साथ ही यह सुनिश्चित किया जायेगा कि तीन वर्षों के कम सभी समितियों का अंकेक्षण कम-से-कम एक बार आवश्य कर लिया गया है।

इन फर्म को कार्य आवंटित