नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो को कंट्रोल करने के लिए पालिसी रेपो रेट 40 बेसिस पॉइंट बढाकर 4.40% करने की घोषणा की है। इस फैसले से बैंकों से क़र्ज़ लेना महंगा हो जाएगा।
आरबीआई ने यह फैसला रूस पर लगे प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों और अंतराष्ट्रीय बाजार में गेहूं और खाने-पीने के सामानों के दामों में उथलपुथल को देखते हुए किया है। इसे लेकर आरबीआई गवर्नर ने अनुमान जताया है कि महंगाई अभी ऊँचे स्तर पर बनी रहेगी। बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए आरबीआई गवर्नर ने पॉलिसी रेपो रेट, यानी वो रेट जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज मुहैया कराता है, उसे बढ़ाने की घोषणा कर दी है।
इससे होम लोन और दूसरे तरह के लोन के ब्याज दर पर असर पड़ सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इमरजेंसी बैठक के बाद कहा, खाद्य महंगाई ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी, वैश्विक स्तर पर गेहूं की कमी से घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमतों पर असर दिखाई दे रहा है, हालांकि देश में अनाज की आपूर्ति सामान्य है। खाद्य तेलों के दाम भी आगे और बढ़ सकते हैं।