अमर शहीदों के स्मरण से वर्तमान पीढ़ी में देशभक्ति का संचार होता है : डॉ कामिनी कुमार

झारखंड
Spread the love

  • अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की झारखंड इकाई की कार्यशाला

रांची। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) की झारखंड इकाई की प्रांतीय कार्यशाला आरयू के एचआरडीसी सभागार में 8 मई को हुई। इसकी अध्‍यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने की। मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार, विशिष्ट अतिथि आरएसएस के सम्पर्क प्रमुख राजीव कमल बिट्टू एवं मुख्य वक्ता एबीआरएसएम के उच्च शिक्षा प्रभारी महेंद्र कुमार थे। उन्‍होंने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर इसका शुभारंभ किया। डॉ मीरा कुमारी ने सांघिक गीत एवं डॉ शशिशेखर दास ने सरस्वती वंदना की।

इस अवसर पर कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि देश के अमर शहीदों को स्मरण करने से वर्तमान पीढ़ी में प्रेरणा एवं देशभक्ति का भाव विकसित होता है। आजादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2023 तक आयोजित किया जाएगा। इसके अंतर्गत देश के 750 ऐतिहासिक स्थलों में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें झारखंड के तीन स्थलों यथा उलिहातू (खूंटी), मलूटी (दुमका) एवं राजमहल (साहि‍बगंज) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के 200 गांवों को आदर्श गांव भी घोषित किया जाना है।

मुख्य वक्ता महेंद्र कुमार ने कहा कि देश के युवाओं के अंदर औपनिवेशिक मानसिकता को समाप्त कर देशभक्ति की भावना भरने की जरूरत है। आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से पूरे देश के अंदर व्यापक जनसंपर्क कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देना एवं उनके जीवनी को सभी के समक्ष प्रकट करते हुए करोड़ों देशवासियों को इस अभियान के बारे में अवगत करना है। झारखंड के 75 महाविद्यालयों में व्याख्यानमाला एवं कम से 5 विश्वविद्यालयों में दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित किया जाएगा। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित भी किया जाएगा।

विशिष्ट अतिथि राजीव कमल बिट्टू ने कहा कि स्वतंत्रता के स्थायित्व के लिए संस्कृति एवं संस्कार का संरक्षण करना जरूरी है। मैकाले शिक्षा पद्धति के कारण देशभक्ति की भावना में ह्रास हुआ है। स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को हमेशा स्मरण करने से हमारे अंदर देशभक्ति जीवित रहेगा।

कार्यशाला का सफल संचालन प्रान्त महिला संवर्ग प्रमुख डॉ सुनीता गुप्ता और धन्यवाद डॉ ज्योति प्रकाश ने किया।

कार्यशाला को एचआरडीसी निदेशक डॉ सुदेश कुमार साहू, डॉ प्रीतम कुमार, डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ राजकुमार चौबे, डॉ अभयकृष्ण सिंह, डॉ स्मृति सिंह, डॉ जयप्रकाश रविदास, डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ विजय प्रकाश, डॉ मृत्युंजय प्रसाद, डॉ पूनम सहाय, डॉ कुमुद कला मेहता, डॉ भारती द्विवेदी, डॉ अनुराधा कुमारी, डॉ राज श्रीवास्तव, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ बैद्यनाथ कुमार, डॉ राजकुमार सिंह, डॉ रामकेश पाण्डेय, डॉ करुणा पंजियारा ने भी संबोधित किया।

कार्यशाला में रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय (हजारीबाग), डीएसपीएमयू (रांची), एसकेएमयू (दुमका), कोल्हान विश्वविद्यालय (चाईबासा), एनपीयू (पलामू), सरला बिड़ला विश्वविद्यालय (राची), जेआरयू (रांची) आदि विश्वविद्यालयों से प्राध्यापक उपस्थित थे। कल्याण मंत्र से कार्यशाला समाप्त हुआ।