अफसरों पर हिटलरशाही का आरोप, आंदोलन के लिए गोलबंद हो रहे शिक्षक

झारखंड
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  • विभाग के तुगलकी फरमान से बीमारियों से ग्रस्‍त हो रहे शिक्षक : संघ

रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभाग के अफसरों पर हिटलरशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि गर्मी की छुट्टी में स्‍कूल बंद हैं। स्‍कूल बंद होने के बाद भी कार्यों को लेकर ताबड़तोड़ आदेश जारी किये जा रहे हैं। आए दिन रिपोर्ट व रिटर्न के आदेश से शिक्षक परेशान हैं। कई तरह की जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त हो गये हैं। इस रवैये से बेहाल शिक्षक आंदोलन के लिए गोलबंद हो रहे हैं।

संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि‍ पिछले कई महीनों से प्रदेश के शिक्षकों पर अफसर हिटलरशाही रवैया अपनाए हुए हैं। वे तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। बात-बात पर शिक्षकों का वेतन बंद किया जा रहा है। अफसरों के इस रवैये और मानसिक शोषण से तंग आकर राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षक आंदोलन के लिए गोलबंद हो रहे हैं।

संघ ने कहा कि विभाग के अफसर अपनी नाकामी छुपाने के लिए शिक्षकों पर आरोप लगाते हैं। दबाव बनाकर कार्य कराया जा रहा है। आए दिन रिपोर्ट-रिटर्न से शिक्षक परेशान हैं। इसके कारण वे कई तरह की जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त हो गये हैं। अपनी जान तक गवां रहे हैं। पठन-पाठन को छोड़कर गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों को लगाया जाता है। संघ ने सभी जगह इसका विरोध किया है।

संघ के पदधारियों ने कहा कि गर्मी की छुट्टी में भी पंचायत चुनाव से लेकर मतगणना सहित सभी तरह के कार्य को शिक्षकों ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। विद्यालय का अंकेक्षण, एमडीएम के छात्रों को कुकिंग कॉस्ट की राशि वितरण, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना 30 मई तक फार्म भरने, मॉडल स्कूल में नामांकन फार्म भराना आदि कार्य सिर्फ गर्मी की छुट्टी में ही करने का आदेश दिया जाना समझ से परे है। आखिर बंद विद्यालय में बच्चों को कैसे राशि का भुगतान किया जा सकता है।

संघ ने कहा कि दो वर्ष से कोविड में छात्रों को राशि नहीं दी गई। इसके लिए अधिकारी की लापरवाही नहीं है क्‍या। एमडीएम के टेंडर का क्या हुआ। अधिकारी यह समझने के लिए तैयार ही नहीं हैं। सीधे शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया जा रहा है। यह न्याय संगत नहीं है।

पदधारियों ने कहा कि गर्मी की छुट्टी 5 जून तक है। 6 जून से विद्यालय में पूर्व निर्धारित समय पर पठन-पाठन आरंभ होगा। उसी दिन से वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा का आदेश झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने जारी किया है। यह आदेश हजम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि गर्मी की छुट्टी के बाद विद्यालय खुलने पर छात्रों की उपस्थिति अन्य दिनों के बजाय कम रहती है। विद्यालय की साफ-सफाई की जाती है।

विद्यालय खुलने के दो-चार दिन वार्षिक परीक्षा लेने से कोई बड़ी हानि नही होगी। विद्यालय खुलने के दिन ही वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा लेने से जो छात्र वंचित रहेंगे, उनके लिए कौन जिम्मेवार होगा। यह छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करना है। संघ ने अधिकारियों पर गरीब तबके के बच्चे को शिक्षा से वंचित करने की बड़ी साजिश करने का आरोप लगाया है।