एनटीपीसी का कैप्टिव खान से 26 एमटी कोयला उत्पादन का लक्ष्य, झारखंड पर फोकस

देश नई दिल्ली बिज़नेस
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नई दिल्‍ली। एनटीपीसी झारखंड में स्थित अपनी कैप्टिव खानों से कोयला उत्‍पादन के लिए निरंतर प्रयासरत है। कंपनी ने 26 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक एनटीपीसी ने पिछले साल अपनी कैप्टिव खानों से 14 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था। इस साल एनटीपीसी अपने उत्पादन को बढ़ा रही है।

कंपनी को पिछले साल की तुलना में 86 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 26 मिलियन टन कैप्टिव कोयले के उत्पादन की उम्मीद है। इस बढ़ोतरी से एनटीपीसी कैप्टिव स्रातों से 225 मिलियन टन कोयले की 10 फीसदी सालाना आवश्यकता को पूरा कर सकेगी।

पिछले साल एनटीपीसी ने झारखंड के पाखरी बरवादीह से 8.32 मिलियन टन, उड़ीसा की दुलंगा खानों से 5.29 मिलियन टन और झारखंड की तलाईपल्ली कोयला खानों से तकरीबन 0.5 मिलियन टन उत्पादन किया था। वित्तीय वर्ष 23 में भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक ने पाखरी बरवादीह से 15 मिलियन टन, दुलंगा से 7 मिलियन टन, छत्ती बरीआतु से 2 मिलियन टन तथा तलाईपल्ली खानों से 2 मिलियन टन का लक्ष्य तय किया है। इस तरह वित्तीय वर्ष 23 में कुल 26 मिलियन टन उत्पादन किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक ‘एनटीपीसी में हमने सशक्त बैकवर्ड लिंकेज बनाने का लक्ष्य रखा है, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि हमारी कैप्टिव खानों के कोयले की ज़रूरतो को पूरा किया जाए। देश को विद्युत की निर्बाध आपूर्ति जारी रहे। विद्युत एक अर्थव्यवस्था को चलाने क लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है। देश को सभी स्थानों पर चौबीसों घंटे गुणवत्तापूर्व विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता है, क्योंकि भारत कोविड के प्रभावों से उबर रहा है। आने वाले समय में हम अपने कोयला उत्पादन को बढ़ाने पर निरन्तर ध्यान केन्द्रित करते रहेंगे।’