पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को अपने निर्णय से सभी को चौंका दिया। राजद ने अचानक से बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर अपने 3 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नामों का एलान किया। 3 उम्मीदवारों की घोषणा में सबसे चौंकाने वाला नाम मुन्नी देवी उर्फ मुन्नी रजक का रहा।
मुन्नी देवी नालंदा बख्तियारपुर की रहने वाली हैं, जो रजत समुदाय से आती हैं। अपने नाम की घोषणा होने के बाद मुन्नी देवी ने राबड़ी आवास पहुंचकर लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी और तेजप्रताप से मिलकर आशीर्वाद लिया। मुन्नी देवी ने राबड़ी आवास में लालू- राबड़ी से मुलाकात कर निकलते हुये कहा कि मुझे फोन कर बुलाया गया था। मुझे लगा आज वट सावित्री पूजा है, इसलिए कोई उपहार दिया जायेगा। सपने में भी नहीं सोचा था कि विधान परिषद भेजने का फैसला किया जायेगा।
मेरा अभी तक न कोई अपना घर है, न कोई जमीन। भाड़े के घर में रहती हूं और दूसरों के कपड़े साफ कर आज भी गुजारा करती हूं। पूरा परिवार आज भी कपड़ा धोकर ही अपनी जिंदगी काटते हैं। ऐसी गरीब महिला को टिकट देकर आरजेडी ने साबित कर दिया कि हर किसी का ख्याल लालू प्रसाद यादव रखते हैं। मुन्नी देवी ने कहा कि विधान परिषद पहुंचकर गरीबों की आवाज बनूंगी और उनके लिए काम करूंगी।
मुन्नी देवी को विधान परिषद भेजने के फैसले के बाद आज तेज प्रताप यादव ने अपने पूजा घर में ले जाकर मुन्नी देवी को भगवत गीता बतौर उपहार दिया। तेज प्रताप यादव का कहना है कि इनका नाम मुन्नी देवी है, पर हमारे पिता लालू प्रसाद यादव ने मुन्नी रजक नाम दिया है। इन्हें भगवत गीता उपहार में दिया है और इसी से राजनीति सीखने को कहा है, क्योंकि पूरी राजनीति इस भगवत गीता में समाहित है। जो कृष्ण के साथ होता है वह जीतता है और जो दुर्योधन के साथ होता है उसकी हार होती है।