श्रीलंका। आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका में भारी विरोध के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पांच दिन बाद ही आपातकाल हटा दिया है।
इसके तहत सुरक्षाबलों को देश में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए व्यापक अधिकार मिले थे। राष्ट्रपति राजपक्षे ने 1 अप्रैल को बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पूरे देश में इमरजेंसी लगा दी थी लेकिन इसके बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो गए। देश में चीन के खिलाफ भी रोष बढ़ता जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास पैसा नहीं है क्योंकि उसने सबकुछ चीन को बेच दिया है। भारी बारिश के हजारों छात्रों ने राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास तक मार्च निकाला।
डेली न्यूज के मुताबिक, इस बीच सरकार का समर्थन करने वाले 50 से अधिक सांसदों के एक समूह ने उसका साथ छोड़ दिया है। इन सांसदों का कहना है कि वे तब तक संसद में एक स्वतंत्र समूह के रूप में काम करेंगे जब तक कि पूरी सरकार इस्तीफा नहीं दे देती।