तनाव प्रबंधन से जीवन को आनंदमय बनाने का बताया जा रहा मंत्र

झारखंड
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  • सीएमपीडीआई में दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन

रांची। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘तनाव प्रबंधन से आनंदमय जीवन की शैली’ कार्यशाला का आयोजन सीएमपीडीआई कालोनी परिसर स्थित रबींद्र भवन में किया जा रहा है। दो दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला का आयोजन भारतीय योग एवं प्रबंधन संस्था (आईआईवाईएम), यशोधरा नानक धाम मुरथल, हरियाणा के सहयोग से हो रहा है। यह प्रातः 10 बजे से अपराह्न 5 बजे तक किया जा रहा है।

इसका उद्घाटन सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार ने किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि आज की दुनिया परफॉरमेंस, प्रतिस्पर्द्धा और परफेक्शन पर जोर देती है। ये सभी कारक तनाव बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाती है। अक्सर तनाव से होने वाले नुकसान को कम करके आंका जाता है। यह एक सामान्य सामाजिक घटना है, जिसकी जांच और मूल्यांकन बारिकी से किए जाने की आवश्यकता है।

सीएमडी ने कहा कि भौतिकवादी आराम एवं सुविधा के अलावा, आंतरिक शांति, संतुष्टि, प्रसन्नता और संतुलन बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जिसका हमें प्रयास करना चाहिए। खुशियों को खोजने की कोशिश करते रहना चाहिए और खुशी के छोटे-छोटे पलों को संजोना चाहिए। इसलिए, प्रत्येक मनुष्य का पहला और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य कार्य, विश्राम, आराम और स्मरण अथवा ध्यान या पूजा का एक निर्धारित तरीके से ‘एक आदर्श संतुलन’ बनाकर ‘आनंदमय जीवन को मनाने का’ होना चाहिए, जिससे पूर्ण आनंद प्राप्त हो सके। यही जीवन की आवश्यक प्रकृति और सार है।

उद्घाटन सत्र में भारतीय योग एवं प्रबंधन संस्था के राजीव कुमार नायर (ज्ञानामृत जी) ने एक सफल और शांतिपूर्व जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण, कृतज्ञता एवं आत्म-प्रेरणा आदि पर जोर दिया।

आईआईवाईएम के मोटिवेशनल ट्रेनर/आचार्य अमरेश ने व्यक्तिगत विकास के लिए विचार प्रक्रिया, आत्मनिर्णय और आत्मनिर्णय में निवेश और विभिन्न गुणों पर जोर दिया।

आईआईवाईएम के निदेशक एवं बीसीसीएल के पूर्व अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एके सिंह ने स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण पर जोर दिया। इस कार्यशाला में महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी तथा उनके परिवार के सदस्य और सीएमपीडीआई के आसपास के निवासी शामिल हुए।