लोहरदगा-बोकारो हिंसा और देवघर रोप-वे दुर्घटना राज्य सरकार की विफलता

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रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने लोहरदगा, बोकारो सहित अन्य हिस्से में रामनवमी के दौरान निकाली जा रही शांतिपूर्ण और पारंपरिक शोभायात्रा पर उपद्रवी तत्वों द्वारा किये गये हमले को सुनियोजित हमला बतलाते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला। प्रकाश ने कहा कि रामनवमी के दिन घटी यह कायरतापूर्ण घटना झारखंड सरकार की तुष्टिकरण राजनीति के प्रति बढ़ते प्रेम का नतीजा है। इस सरकार में राज्य में गुंडों, उपद्रवियों, बदमाशों का मनोबल सिर चढ़कर बोल रहा है। इस घटना के लिए सीधे तौर पर सत्ता में बैठे और प्रशासन के लोग जिम्मेवार हैं। घटना से स्पष्ट है कि पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह विफल रहा है। प्रशासन की तैयारी मुकम्मल नहीं थी। अगर तैयारी पुख्ता होती। सूचना तंत्र अलर्ट होता तो लोहरदगा, बोकारो, धनबाद, कोडरमा, रांची आदि जगहों पर असामाजिक तत्वों की मंशा कामयाब नहीं होती।

लोहदगा में दो साल पहले भी हमला

प्रकाश ने कहा कि लोहरदगा में दो वर्ष पूर्व भी शांति पूर्ण जुलूस पर हमला हो चुका है। इसके दो दिन पूर्व खूंटी में भी स्थिति तनावपूर्ण रही। सवाल है कि आखिर यह सब किसकी शह पर हो रहा है। इससे भी अचरज तब होता है, जब इतनी बड़ी घटना के बाद राज्य के वित्त मंत्री वहां जाना मुनासिब नहीं समझते, जबकि वे स्‍थानीय प्रतिनिधि हैं। वित्त मंत्री ही क्या, सरकार का कोई भी मंत्री, कोई भी राज्य का वरीय अधिकारी तक वहां नहीं पहुंचता है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ता में बैठे लोगों को संवेदनशील होनी चाहिए।

तुष्टिकरण में आकंठ डूबी है सरकार

प्रकाश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्य में बढ़ती ऐसी घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है। भाजपा यह मानती है कि हेमंत सरकार तुष्टिकरण में आकंठ डूब चुकी है। कानून को हाथ में लेनेवालों को भी धार्मिक चश्मे से देखकर कार्रवाई करती है। हमारी पार्टी यह मांग करती है कि राज्य में तुष्टिकरण की राजनीति पर तत्काल रोक लगे। इस प्रकार की घटना में शामिल लोगों को चिन्हित कर कठोरतम कार्रवाई हो।

रोप-वे दुर्घटना सरकार के निक्कमेपन का नतीजा

प्रकाश ने त्रिकुट पर्वत रोपवे दुर्घटना को दुखद बताते हुए इसे पूरी तरह से राज्य सरकार के निकम्मेपन और लापरवाही का नतीजा बताया है। घटना 4 बजे शाम को घटती है, जबकि राज्य के मुख्य सचिव को स्थानीय सांसद ने जब 6 बजे राहत कार्य के लिये बात की, तब उन्हें घटना की सूचना मिली। इस मामले में जिला उपायुक्त की निष्क्रियता उजागर हुई। इस विलंब के कारण राहत कार्य मे विलंब हुआ। त्रिकुट पर्वत रोपवे राज्य पर्यटन विभाग के अधीन संचालित होता है। विगत दो वर्षों से इसका मेंटेनेंस पूरी तरह विफल रहा है। विभागीय मंत्री बगल में ही रहते हैं। राज्य का दुर्भाग्य है कि पर्यटन मंत्री विभिन्न कार्यक्रमों में कल फीता काटते रहे, परंतु अपने विभाग से संबंधित कार्यों के लिये उन्हें कल फुरसत नहीं मिली। उन्हें घटनास्थल तक पहुंचने में 24 घंटे लग गए।

मुख्यमंत्री को राज्य की जनता को यह बतलाना चाहिए कि घटना के बाद राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग कहां लापता रहा। जिला प्रशासन और राज्य सरकार की विफलता का आलम यह है कि राहत कार्य में हेलीकाप्टर को फ्यूल भी समय पर उपलब्ध नहीं कराया जा सका। दुर्घटना के बाद राज्य का प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। सीएम ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। सीएम संथाल परगना को सिर्फ वोट बैंक समझते रहे हैं।

हेमंत को पूरे देश से क्षमा मांगनी चाहिए

प्रकाश ने कहा कि इस मामले में संजीदगी और गंभीरता दिखलाने के लिए एनडीआरएफ और सेना की टीम, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, स्थानीय विधायक नारायण दास, स्थानीय कार्यकर्ता, स्थानीय जनता, केंद्रीय गृह मंत्रालय, सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने संकट की इस घड़ी में सेवा भाव का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। सीएम हेमंत सोरेन को अपनी इस नाकामी के लिए पूरे देश से क्षमा मांगनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अनदेखी

दीपक प्रकाश ने पंचायत चुनाव के मामले में झारखंड सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की अनदेखी करने का आरोप लगाया। एक तरफ बीजेपी शासित राज्यों में कांग्रेस बिना आयोग गठन किए चुनाव का विरोध करती है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड में उनकी ही सरकार में कांग्रेस के कोटे के ही विभागीय मंत्री आलमगीर आलम बिना पिछड़ों के आरक्षण के ही पंचायत चुनाव की घोषणा करते हैं। इन दलों का चाल, चरित्र और चेहरा यही है। इससे कांग्रेस का दोहरा चरित्र भी उजागर होता है। भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि इससे बेहतर होता कि दलीय आधार पर चुनाव की घोषणा होती।

झारखंड की सरकार राज्य में आयोग का गठन कर अविलंब 1 माह के अंदर उस रिपोर्ट को लेकर 1 महीने बाद ही चुनाव कराती। जब मध्यप्रदेश में आयोग का गठन कर एक माह सारी प्रकिया पूरी की जा सकती है, तब झारखंड में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार को लोकतांत्रिक व्यवस्था, संवैधानिक संस्थाओं, न्यायपालिका पर भरोसा ही नहीं। यह सरकार सभी के निर्देशों को धज्जियां उड़ाते हुए सरकार को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी की तरह चला रही है। सरकार सभी मोर्चे पर फेल है। राज्य की जनता इस सरकार से जल्द से जल्द छुटकारा चाहती है। मौके पर प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा एवम प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह उपस्थित थे।