- दुमका और पश्चिमी सिंहभूम में भी जल्द होगा केंद्र स्थापित
गुमला। प्रवासी श्रमिक और कामगारों के सुरक्षित एवं जिम्मेदार प्रवासन के लिए गुमला में सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन केंद्र खुला। इसका शुभारम्भ जिले के श्रम अधीक्षक ने किया। यह केंद्र जिला श्रम एवं रोजगार कार्यालय के तत्वावधान में जिला स्तरीय सहायता प्रकोष्ठ के रूप में और जिला श्रम एवं रोजगार अधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करेगा। इसके जरिये गुमला के अन्दर अंतरराज्यीय प्रवासियों और उनके परिवारों की पहचान करने दिशा में काम करेंगे, ताकि ऐसे श्रमिक एवं कामगारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह कार्य उपायुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर किया जायेगा। साथ ही, श्रमिकों और कामगारों के पंजीकरण की भी सुविधा केंद्र में दी जाएगी। इनके लिए शिविर का आयोजन भी समय-समय पर करने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने की पहल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिसंबर, 2021 में सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव (एसआरएमआइ) का शुभारंभ किया था। झारखंड से रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर श्रमिकों का पलायन होता है, परंतु आज तक प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित और जवाबदेह पलायन के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनायी गयी है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के पहल पर एसआरएमआइ का शुभारम्भ हुआ है। गुमला के बाद दुमका और पश्चिमी सिंहभूम में भी एसआरएमआइ केंद्र की स्थापना की जायेगी।
क्या है एसआरएमआइ
वर्तमान में एसआरएमआइ पायलट प्रोजेक्ट के तहत दुमका, पश्चिमी सिंहभूम और गुमला के श्रमिकों के पलायन को ध्यान में रखकर नीति बनायी गयी है। इन तीन जिलों से दिल्ली, केरल और लेह-लद्दाख में रोजगार के लिए गये प्रवासी श्रमिकों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इन सभी राज्यों से समन्वय स्थापित कर प्रवासी श्रमिकों के सामाजिक, आर्थिक और कानूनी मदद दी जायेगी।
ये काम भी करेगा केंद्र
संस्थागत नीति और परिचालन ढांचे के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों एवं उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण, उनके डेटाबेस की निगरानी और विश्लेषण के आधार पर जिला स्तर पर व्यवस्थित योजना तैयार किया जाएगा, ताकि राज्यस्तरीय रोजगार योजना से जोड़कर उन्हें सक्षम बनाया जा सके।
सुरक्षित और जिम्मेदार प्रवासन प्रथाओं के आसपास जन जागरुकता अभियान/कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों को जागृत किया जाएगा।
श्रमिकों के लिए शिकायत निवारण सहायता केंद्र के रूप में यह कार्य करेगा।
जिले में प्रवास सर्वेक्षण कराना एवं श्रमिकों के प्रवास के पैमाने और प्रवृत्ति को समझना।