यकीन करें, हम जिंदा हैं हुजूर, पेंशन करा दें चालू

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। हुजूर, यकीन करें। हम जिंदा हैं। हमारी पेंशन चालू करा दें। झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड अंतर्गत दो गांव के छह लोग यही आरजू करते मारे-मारे फिर रहे हैं। जीवित होने के बाद भी उन्‍हें पेंशन नहीं मिल रही रही है। दरअसल, उनके जन प्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारियों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया है। उन्हें चार से लेकर नौ महीने से पेंशन नहीं मिल रही। पेंशन के लिए पंचायत से लेकर बैंक और प्रखंड कार्यालय तक की दौड़ लगाते वक्‍त उन्हें पता लगा कि वे मर चुके हैं। अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए परेशान हैं।

कांडी प्रखंड की शिवपुर पंचायत अंतर्गत सोनपुरवा गांव निवासी बिंदेश्वरी चौधरी, रामगती यादव, मुखदेव यादव, वृक्षा पाल व सुनर्वास देवी व देवडीह गांव निवासी अलीमुद्दीन अंसारी को पिछले कई महीनों से पेंशन नहीं मिल रही। इसकी खोज खबर लेने के लिए उन लोगों ने पंचायत, बैंक और प्रखंड कार्यालय की दर्जनों बार दौड़ लगाई। उन्हें यह भी पता नहीं चला कि आखिर किस कारण से उनकी पेंशन बंद कर दी गयी। पेंशन बंद हो जाने से उनके सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।

पेंशन बंद होने की पड़ताल पर यह बात पता चली कि 24 जुलाई, 2021 को ही इन छह लोगों के संबंध में रिपोर्ट जमा की गई है। उसमें कहा गया कि इनकी मृत्यु हो चुकी है। इन पेंशनधारियों की पेंशन बंद होने की खबर छपने के बाद प्रशासन ने इसपर संज्ञान में लिया। कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी ने शिवपुर पंचायत के मुखिया योगेंद्र राम, तत्कालीन पंचायत सेवक परमानंद राम और स्वयंसेवक कमल किशोर तिवारी को स्पष्टीकरण पूछा है कि जीवित व्यक्ति को किस परिस्थिति में मृत बताया गया।

इस संबंध में पूछे जाने पर कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि इस गंभीर विषय को लेकर स्पष्टीकरण पूछे जाने के बाद यह साफ हो गया है कि मृत घोषित सभी व्यक्ति जीवित हैं। इस संबंध में पत्राचार किया जा रहा है। शीघ्र ही इन लोगों की पेंशन चालू हो जाएगी।