महिला प्रधान एसएचजी और एफपीओ को सभी कृषि योजनाओं से जोड़ा जाएगा : निदेशक

कृषि झारखंड
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रांची। अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर रांची के मोरहाबादी स्थित दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र में मंगलवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला कृषि पदाधिकारी-सह-आत्‍मा परियोजना निदेशक के तत्‍वावधान में कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव और विशिष्‍ट अतिथि रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भवेशानंद महाराज थे।

मुख्य अतिथि ने कहा कि महिला प्रधान स्वयं सहायता समूह और कृषक उत्पादक समूह को कृषि विभाग की सभी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। कृषि और उद्यान निदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं से एक साल बाद उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में आये परिवर्तन की समीक्षा की जाएगी। उन्‍होंने सभी महिलाओं को कृषि संबंधी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। फल और फूलों की खेती, नर्सरी बनाने के लिए महिलाओं को जागरूक किया। उन्होने कहा कि सभी विभागीय योजनाओं को एक पैकेज योजना के तहत समूह/किसानों को दिया जाएगा।

स्वामी भवेशानंद महाराज ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के विषय ‘एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता’ पर विषेष चर्चा की। महिलाओं को अपने जीवन को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया। समेति निदेशक सुभाष कुमार ने कहा कि सरकार की योजनओं के क्रियान्वयन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। समाज की विकृतियों को शिक्षित समाज ही नियंत्रित कर सकता है।

रांची जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि सैकड़ों फूल मिलकर एक माला बनता है। सैकड़ों दीपक मिलकर आरती सजती है। हालांकि घर में एक महिला होने से वह स्वर्ग हो जाता है। महिला ईश्‍वर की एक ऐसी सुन्दर रचना है, जिसके बिना पुरुष अधूरा है। उन्होने राज्य और जिले मे संचालित योजनाओं में महिला संगठन को प्राथमिकता देने की बात कही।

दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ राजेश कुमार ने धन्यवाद किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा विभाग के महिला पदाधिकारी एवं कर्मी को प्रशस्ति पत्र और महिला कृषकों को भी अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कांके, चान्हो, अनगड़ा, ओरमांझी, बुडमू, नगड़ी आदि प्रखंडोंसे लगभग 300 महिला कृषकों ने भाग लिया।