प्रशांत अंबष्ठ
गोमिया (बोकारो)। ताप विद्युत केंद्र से निकलने वाला ऐश (छाई) की समस्या हर जगह है। इसी समस्या से तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन (टीटीपीएस) ललपनिया भी जूझ रहा है। जहां कहीं भी इस तरह के पावर प्लांट बनते हैं, वहां छाई को फेंकने का बंदोबस्त भी डीपीआर में किया जाता है। हालांकि इन दिनों टीटीपीएस से निकलने वाली छाई को इधर उधर फेंकी जा रही है। इसके कारण नालियों से छाई सीधे कटेल नदी में जा रही है। उस नदी के माध्यम से दामोदर नदी पर बना तेनुघाट डैम में जाकर समाहित हो जाती है।
नदियों पर संकट
टीटीपीएस प्रबंधन द्वारा छाई को नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इससे नदियों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन दिनों टीटीपीएस द्वारा कोदवाटांड़ घाट, अय्यर घाट, मेन गेट प्लांट के निकट रामगढ़ रोड शॉपिंग के पीछे, एफ टाइप, स्वीपर कॉलोनी के सामने और रेलवे कॉलोनी के निकट छाई डंप किया जा रहा है।
संवेदक ने कहा
संवेदक के पार्टनर सुधीर कुमार ने कहा कि प्रबंधन जहां जगह देती है, वहीं ऐश को डंप किया जा रहा है।
जीएम ने कहा
इस संबंध में टीटीपीएस के महाप्रबंधक सह प्रभारी एमडी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि कहीं से भी छाई नदी में नहीं जा रही है। रामगढ़ रोड शॉपिंग के पीछे जहां ऐश गिराया गया है, वहां उसकी बंदोबस्त की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बरसात का मौसम है। पानी के बहाव के कारण ऐश इधर-उधर जरूर गया होगा, लेकिन प्रबंधन पूरी तरह से गंभीर है।