खूंटी। झारखंड के खूंटी जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत फुदी गांव के 60 महिला-पुरूष किसानों ने 20 से 25 एकड़ खेतों को सिंचित करने की व्यवस्था बोरीबांध बनाकर कर लिया है। जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाईटी और ग्रामसभा के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत गुरुवार को तीन बोरीबांधों का निर्माण मदईत (श्रमदान) परंपरा से महज चंद घंटों में बनाया गया। पानी बचाने को लेकर ग्रामीणों का उत्साह चरम पर था। बांध के बनते ही पानी छलकने लगा। इसे देखकर ग्रामीणों के चेहरे खिल गए। बता दें कि इससे पहले भी फुदी गांव के ग्रामीणों ने मदईत से दो बोरीबांध का निर्माण कर चुके हैं।
सब्जी की खेती कर पाऐंगे
सुसारन डेरे संगा ने कहा कि यह बोरीबांध के बनने से अब गांव के किसान गर्मी के मौसम में सब्जी की खेती कर पाऐंगे। भूगर्भीय जल स्तर उपर आयेगा। बगल के चाटी-कनाडी जंगल भी आबाद होंगे। जंगल के रहने वाले जीव-जंतु की प्यास बुझाने का काम भी बोरीबांध करेगा।
जलस्तर भी बना रहेगा
दयाल संगा ने कहा कि उम्मीद है गर्मी के दिनों में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जो चापानल सूख जाते थे, उन चापानलों का जलस्तर भी बना रहेगा। बता दें कि बोरीबांध निर्माण से पूर्व गांव की बेटी सबीता संगा ने कई दौर में ग्रामसभा की गांव के लोगों को जागरूक करने का काम किया था। सबीता संगा ने कहा कि जल-जंगल-जमीन में से जल को बचाने की दिशा में यह कवायद है।
माहौल हुआ सकारात्मक
मदईत परंपरा से बनाये गए बोरीबांध के बाद गांव का माहौल खुशनुमा हो गया। आदिवासियों ने सामूहिकता का परिचय देते हुए बांध बनाया। वहीं दूसरी ओर महिलाओं ने खाना पकाया। बांध बनने के बाद ग्रामीणों ने उसी बांध के पानी में नहाने के बाद सामूहिक रूप से भोजन किया।
इन लोगों ने किया श्रमदान
दयाल संगा, जेवियर संगा, सबीता संगा, जोसेफ संगा, एयोन संगा, सुगनदास संगा, सनिका संगा, कृपा संगा, सुशीला संगा, मुनिका तिर्की, खतिर संगा, नमजन संगा, पौलुस संगा, उर्सेला संगा, राहिल तिर्की, सरिता संगा, मार्सेल्यानी संगा, जोहन संगा समेत ग्रामसभा के सभी सदस्य शामिल थे।