नई तकनीक को बढ़ावा दें कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां : प्रमोद अग्रवाल

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  • ‘टेक्नोलॉजी रोडमैप’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में कोल इंडिया अध्यक्ष की अपील

कोलकाता। महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां अपने कामकाज में नई तकनीक का इस्तेमाल करें। डिजिटाइजेशन और इनोवेशन को बढ़ावा दें। वह कोल इंडिया मुख्यालय में ‘टेक्नोलॉजी रोडमैप’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यशाला का आयोजन कोल इंडिया ने कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में किया गया था।

कोल इंडिया अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी संस्थान के विकास की बुनियाद इस बात पर निर्भर करती है कि उस संस्थान में टेक्नोलॉजी, डिजिटाइजेशन एवं इनोवेशन को कितना बढ़ावा दिया जाता है। इसी कड़ी में उन्होंने कोल इंडिया की अनुंषंगी कंपनियों समेत कोयला क्षेत्र के समस्त हितग्राहियों से अपील की कि वे अपने कार्य संचालन में विकास के इन तीनों ही स्तंभों का यथासंभव प्रयोग करें। हमेशा इस दिशा में नए प्रयास करने की कोशिश करें।

कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कोल इंडिया के निदेशक (तकनीकी) बी वीरारेड्डी ने कहा कि वित्त वर्ष 24-25 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्‍य है। कोल इंडिया के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल बेहद अहम है। खासकर, आगामी वर्षों में कोयला उत्पादन में भूमिगत खदानों की बड़ी भूमिका के मद्देनजर भूमिगत खदानों से कोयला निकाले जाने के लिए नई तकनीकों के इस्तेमाल पर उन्होंने विशेष जोर दिया।

कोयला मंत्रालय के सलाहकार (परियोजना) आनंदजी प्रसाद ने कहा कि देश को कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह बेहद अहम है कि मशीनी तकनीक बेहतर हो और तकनीकों का आपसी तालमेल हो।

कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी कंपनियों, कोयला मंत्रालय एवं कोयला क्षेत्र से संबद्ध अन्य हितग्राही क्षेत्रों के दुनिया भर से 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया। कार्यशाला का आयोजन भौतिक (फिजिकल) एवं आभासी (वर्चुअल) दोनों ही रूप में किया गया था। मुख्य सतर्कता अधिकारी एसके षाड़गी, वरीय सलाहकार (वित्त) संजीव सोनी भी उपस्थित थे।