सरकार के बजट से राज्यकर्मी दुखी, पुरानी पेंशन बहाली पर अब इंतजार के मूड में नहीं

झारखंड
Spread the love

रांची। राज्‍य सरकार ने बजट में राज्‍यकर्मियों को झटका दिया। इसमें पुरानी पेंशन बहाली करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया। उक्‍त बातें बजट को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। कर्मचारियों ने कहा कि अब सब्र टूट रहा है। केवल आश्वासनों पर वे अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते।

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के तीसरे बजट से कर्मचारियों को काफी उम्मीदें थी। बजट सत्र से पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी। राजस्थान सरकार की भांति बजट सत्र में ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करने का अपील की थी। मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा था कि हम आपके मुद्दे और अपने घोषणापत्र को लेकर गंभीर हैं। शीघ्र ही इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेंगे।

कर्मचारियों ने कहा कि बजट को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार ने इस महत्वपूर्ण मांग की अनदेखा की है। बजट सत्र में ही मुख्यमंत्री द्वारा विधायको की पुरानी पेंशन बहाली के प्रश्नों पर दिया गया उत्तर भी बेहद निराशाजनक है। एक सत्तारूढ़ दल द्वारा अपने घोषणापत्र के प्रमुख विषय को लेकर यह टिप्पणी किया जाना कि आकलन के उपरांत हम विचार करेंगे, बेहद निराश करने वाला है। राज्य के समस्त पेंशनविहीन कर्मचारी मुख्यमंत्री से यह जानना चाहते हैं कि‍ क्या उन्होंने इस मुद्दे को अपने घोषणापत्र में बिना किसी आकलन के ही शामिल कर लिया था?

कर्मचारियों ने कहा कि यदि आकलन करना ही था तो सरकार गठन के बाद लगभग ढाई वर्षों तक आकलन क्यों नहीं किया गया?

संगठन के प्रांतीय उप महासचिव आनंद किशोर साहू ने कहा कि कर्मचारी मुख्यमंत्री के आश्वासन पर अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल के समक्ष कहा था कि आप किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन नहीं करें। सरकारी कार्यों में सहयोग करें। आपके मुद्दे को लेकर गंभीर हैं। कर्मचारी उनका मान रखते हुए सरकार गठन के बाद से अभी तक किसी प्रकार के प्रदर्शन नहीं किए हैं। हालांकि विभागीय पदाधिकारियों का नकारात्मक रवैया कर्मचारियों को आंदोलन करने के लिए बाध्य कर रहा है।

संगठन के प्रांतीय कोषाध्यक्ष नितिन कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से सरकार पर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आने वाला है। एनपीएस के तहत सरकार के 14% और कर्मचारियों के 10% योगदान को राज्य के लोगों के कल्याण में खर्च किया जा सकता है। नई पेंशन योजना पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से लाया गया था। इससे सरकार एवं कर्मचारी दोनों को नुकसान हो रहा है।