रांची स्मार्ट सिटी में 69.90 करोड़ से बन रहा मंत्रि‍यों का आवास

झारखंड
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  • मॉस एन वायड की डिजाइन पर केएमवी ने शुरू किया निर्माण
  • वास्तु एवं पर्यावरण के मद्देनजर 9 एकड़ में बन रहा 11 बंगला

रांची। राज्य बनने के बाद पहली बार मंत्रियों के लिए बंगला बन रहा है। केएमवी ने स्मार्ट सिटी परिक्षेत्र में बंगला का निमार्ण कार्य आरंभ कर दिया है। दिल्ली की कंपनी मॉस एन वायड ने मंत्री बंगलों की डिजाइन तैयार की है। पर्यावरण, वास्तु एवं हरियाली को पूरा ध्यान में रखते हुए बंगलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बंगलों का निर्माण कार्य केएमवी ने धार्मिक अनुष्ठान के साथ शुरू किया है। पीसीसी कार्य भी शुरू हो गया है।

रांची स्मार्ट सिटी में 9 एकड़ भूमि पर 69.90 करोड़ की लागत से 11 मंत्री आवास बनेंगे। आवास के 24 महीने में बन जाने की संभावना है। राज्य गठन के बाद पहली बार मंत्रियों के लिए निर्धारित बंगला बन रहा है। अब तक राज्य के मंत्री पूल के निर्धारित पुराने बंगलों में रहते आ रहे है। मंत्रियों के लिए बनने वाले बंगले अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होंगे।

प्रत्येक बंगले के सामने का हिस्सा पूरब दिशा में होगा। बंगले का शेष हिस्सा पूर्व दिशा में होगा। स्नानागार, शौचालय ,किचन, आवासीय कार्यालय, प्रतीक्षालय एवं शयन कक्ष का निर्माण पूरी तरह वास्तु को ध्यान में रख कर किया जा रहा है। बंगला डुपलेक्स आकार में दो तल के बनाये जा रहे है। भूतल पर दो शयन कक्ष, प्रतीक्षालय, बैठक कक्ष, दो शौचालय, पेंट्री कक्ष, डायनिंग हॉल बनाया जायेगा। प्रत्येक बंगलों में बालकनी युक्त पांच शयन कक्ष बनेगा। प्रथम तल पर मास्टर बेडरूम सहित कुल तीन बेडरूम बनाया जायेगा।

मंत्री बंगलों परिसर में क्लब हाउस, स्वीमिंग पूल, जिम, ओपेन जिम चिल्ड्रेन प्ले जोन लाउंज एवं बालीबाल एवं बैडमिंटन कोर्ट की भी सुविधा रहेगी। मंत्री बंगलों में सुरक्षा गार्ड भी बनाया जायेगा। पूरा परिसर हरियाली से युक्त रहेगा। लैंड स्केपिंग करा कर उम्दा किस्म के घास लगाये जायेंगे। छायादार एवं फलदार वृक्ष से पूरा परिसर आच्छादित रहेगा। परिसर में फुटपाथ के साथ साइक्लिंग के लिए पाथ वे बनेगा। योगा पार्क के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

मुख्यमंत्री के सचिव सह सचिव नगर विकास एवं आवास सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि अब तक राज्य में मंत्रियों के लिए बंगलों का निर्माण नहीं हुआ था। मंत्री पुराने बंगलों में रह रहे है। वर्तमान सरकार ने पहली बार मंत्रियों के लिए बंगलों के निर्माण की पहल शुरू की। सरकार की दृढ़इच्छा शक्ति का परिणाम सामने है। बंगलों का निर्माण स्मार्ट सिटी में शुरू हो गया।