कर्नाटक। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।
अपने फैसले में अदालत ने कहा कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई केस नहीं बनता है। स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है।
कर्नाटक के एडवोकेट जनरल प्रबुलिंग नवादकी ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखा है। व्यक्तिगत पसंद पर संस्थागत अनुशासन प्राथमिक होता है। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 25 की व्याख्या में एक बदलाव का प्रतीक है।
हाईकोर्ट के हिजाब फैसले से पहले शिवमोग्गा में स्कूल और कॉलेज एक दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। कलबुर्गी में धारा 144 लागू कर दिया गया है। डीसी यशवंत वी गुरुकर ने बताया कि हिजाब मामले के फैसले के मद्देनजर जिला प्रशासन ने 19 मार्च की सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू कर दी है। जिले के सभी शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को बंद रहेंगे।
कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब फैसले पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं। सभी लोगों से अपील करता हूं कि देश और राज्य को आगे बढ़ाएं। हम सबको शांति का माहौल बनाकर रखना है। छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है। सब लोग एक होकर पढ़ाई करें।