रेलवे को निजीकरण से बचाना पहली चुनौती : डीके पांडेय

झारखंड
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  • ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की धनबाद मंडलीय परिषद की बैठक संपन्‍न

रामगढ़। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन, धनबाद मंडल की मंडलीय परिषद् की बैठक बरकाकाना रेलवे रिक्रिएशन क्लब में 23 मार्च को हुई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय और महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव उपस्थित हुए। सहायक महामंत्री ओमप्रकाश, केंद्रीय संगठन मंत्री पीके मिश्रा भी मंच पर मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता डिविजनल को-ऑर्डिनेटर सह अपर महामंत्री मो ज़्याऊद्दीन ने की।

इस अवसर पर डीके पांडेय ने कहा कि आज हमारे समक्ष रेलवे को निजीकरण से बचाना पहली चुनौती है। रेलवे के विभिन्न विभागों में लगभग 2.67 लाख पद रिक्त हैं। काफी समय से नियुक्ति नहीं किए जाने से कार्यरत कर्मचारियों पर काम का बोझ असहनीय स्तर पर आ गया है। एआईआरएफ के नेतृत्व में हम इसके समाधान के लिए संघर्षरत हैं।

एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि एनपीएस का विरोध कर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिलाने के लिए आंदोलन जारी है। आने वाले दिनों में एआईआरएफ के नेतृत्व में समस्त केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को एकजुट होकर राष्ट्रीय स्तर पर विशाल विरोध प्रदर्शन की तैयारी चल रही है। उन्होंने युवा रेलकर्मियों को आगे बढ़ कर जोरदार प्रतिरोध करने का आह्वान किया।

मो ज़्याऊद्दीन ने कहा कि धनबाद मंडल में कार्यरत रेलकर्मी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, जबकि सभी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर रहे हैं। धनबाद मंडल हर वर्ष माल लदान और रेलवे राजस्व अर्जित करने में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। रेल प्रशासन को चाहिए कि अपने श्रमशील कर्मचारियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए। चिकित्सा क्षेत्र में काफी कमियां हैं। इसमें व्यापक रूप से सुधार की मांग ईसीआरकेयू करती है।

कार्यक्रम का प्रारंभ यूनियन कार्यालय में यूनियन के झंडोत्तोलन और शहीदों के सम्मान स्वरूप इंकलाबी नारों से किया गया। बैठक का संचालन ईसीआरकेयू के केंद्रीय कोषाध्यक्ष सह जोनल सेक्रेटरी एआईआरएफ ओ पी शर्मा ने किया। मौके पर एके दा, एनके खवास, परमेश्वर कुमार, नेताजी सुभाष, सीएस प्रसाद, अशोक जेके साव, चमारी राम, आरके प्रसाद, कौशल कुमार, पिंटू नंदन, सुदर्शन कुमार महतो, सोमेन दत्ता, एके दास, आई अंसारी, लाल जी गोप, मोहम्मद चांद कैफे, रीतलाल गोप, प्रभाकर कुमार, विश्वजीत मुखर्जी भी मौजूद थे।