सीएम और शिक्षा मंत्री ने किया स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे अभियान का शुभारंभ

झारखंड
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  • स्वच्छता का प्रचार-प्रसार कर 35,000 विद्यालयों को सुव्यवस्थित करने का होगा कार्य

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विधानसभा परिसर से ‘स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे’ अभियान-2022 का शुभारंभ कि‍या। प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। स्कूली शिक्षा एवं साक्षारता विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से अभियान शुरू किया गया है। इसके माध्यम से विद्यालयों को सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित करने का प्रयास होगा।

मालूम हो कि कोविड-19 के पश्चात लगभग 2 वर्ष के बाद सभी विद्यालयों को खोला गया है। वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के मापदंडों को अपनाते हुए राज्य के सभी विद्यालयों को 7 मार्च, 2022 से पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहा है। कोरोना काल में लंबी अवधि तक विद्यालय बंद रहने के कारण विद्यालयों की आधारभूत संरचनाओं को पुनः क्रियाशील करने की आवश्यकता है। शिक्षकों एवं बच्चों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई पर विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

अभियान 24 से 30 मार्च 2022 तक सभी विद्यालयों में चलाया जाएगा। अभियान के तहत सभी 263 प्रखंडों में एक स्वच्छता प्रचार वाहन चलाया जाएगा, जो प्रचार-प्रसार करते 35,000 विद्यालयों को सुव्यवस्थित करने में सहयोग प्रदान करेगा। इस कार्य में यूनिसेफ एवं उनकी सहयोगी संस्थाएं जिला/प्रखंड संकुल एवं विद्यालय स्तर पर तकनीकी सहयोग एवं प्रशिक्षण में सहयोग दे रही हैं।

स्वच्छता प्रचार वाहन का उद्देश्य

स्वच्छता संबंधी गतिविधियों में विद्यालयों को तकनीकी सहयोग प्रदान करना।

विद्यालयों में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मामूली मरम्मत के कार्य में तत्काल सहयोग देना।

विद्यालयों में स्वच्छता सुविधाओं को बनाए रखने, उचित व्यवहार और जागरुकता को बनाए रखने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति, शिक्षकों, बाल संसद, सरस्वती वाहिनी पंचायती राज संस्थानों के सदस्यों तथा अन्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करना है।

इस वाहन में एक राजमिस्त्री, एक प्लंबर और एक स्वच्छता विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे, जो उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति करने में विद्यालयों को सहयोग देंगे।

वर्तमान में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में इस अभियान से विद्यालयों को बल तथा स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार प्रतियोगिता में विद्यालयों को अपनी ग्रेडिंग सुधरने का पर्याप्त मौका भी मिलेगा।