मुख्‍यमंत्री ने अध्‍यक्ष से कहा, किसानों को मार्केटिंग में भी सहयोग करें नाबार्ड

झारखंड
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रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ जीआर चिंताला ने 3 मार्च को मुलाकात की। इस क्रम में बैंकों द्वारा राज्य में गरीब तबके के लोगों, किसान और जरूरतमंदों को प्राथमिकता के साथ ऋण मुहैया कराने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के अध्यक्ष से कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और स्वरोजगार के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। राज्य में कृषि की असीम संभावनाएं हैं। राज्य में अधिक से अधिक किसानों को बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा प्रदान की जाए, इस पर नाबार्ड को पहल करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के किसानों के पास आर्थिक बैकअप नहीं रहने के कारण वे कृषि सहित अन्य रोजगारपरक कार्यों में भी संपन्न नहीं बन पा रहे हैं। राज्य के विकास में नाबार्ड की भूमिका अहम है। नाबार्ड जिम्मेदारी के साथ कार्य करने वाली बड़ी संस्था है। राज्य सरकार चाहती है कि नाबार्ड द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड राज्य के किसानों को मार्केटिंग में भी सहयोग करे। नाबार्ड द्वारा झारखंड को ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास एवं कृषि विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण आवंटन प्रदान करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने RIDF, RIAS और NIDA के तहत मिश्रित वित्त के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर जोर दिया।

नाबार्ड के अध्यक्ष ने झारखंड के अल्पकालिक सहकारी ढांचे को मजबूती प्रदान करने पर प्रकाश डालते हुए सहकारी क्षेत्र के कायाकल्प के लिए सुझावों की सिफारिश की। झारखंड सरकार से सक्रिय समर्थन मांगा। नाबार्ड के अध्यक्ष ने बेहतर मूल्य प्राप्ति और मूल्यवर्धन के लिए राज्य में कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचे सहित विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

नाबार्ड के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के समक्ष सुझाव रखा कि मल्टी सर्विस सेंटर (एमएससी) के रूप में एआईएफ, नाबार्ड के पैक्स के तहत सस्ती पूंजी का लाभ उठाकर पैक्स के व्यवसाय को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने फसल विविधीकरण की आवश्यकता और दलहन प्रोत्साहन के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त आय बढ़ाने में इसकी भूमिका के बारे में भी चर्चा की। नाबार्ड के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को राज्य के विकास में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

मौके पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दख पी एवं नाबार्ड के मुख्‍य महाप्रबंधक गोपा जी कुमारन नायर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इससे पहले अध्‍यक्ष ने झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा की। बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में SHG सदस्य, किसान और FPO के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। उन्होंने भारतीय प्रकृतिक रॉल एवं गोंद संस्थान परिसर का भी दौरा किया। वैज्ञानिकों के साथ सहक्रियात्मक सहयोग के क्षेत्रों पर परिचर्चा की।

पुंदाग, रांची में नाबार्ड के नए कार्यालय सह आवास परिसर की आधारशिला रखी। शाम में उन्होंने ‘झारखंड का बैंकिंग परिदृश्य- मुद्दे और अवसर’ विषय पर बैंकरों के एक कार्यक्रम में भाग लिया। बैंकरों को समाज के जरूरतमंद और कमजोर वर्गों को कृषि ऋण देने में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी। वह कल क्षेत्र में विकास परियोजनाओं की देखरेख के लिए सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिलों के दौरे पर होंगे।