बच्ची के बलात्कारी की फांसी पर रोक, SC ने पहली बार किसी केस में दिया मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन का आदेश

देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 11 साल की मासूम बच्ची से रेप और उसकी हत्या के दोषी को फांसी देने पर रोक लगा दी। दोषी ने अपने साथी मजदूर की बेटी के साथ बलात्कार कर मौत के घाट उतार दिया था। सर्वोच्च न्यायलय ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में हमें लगता है कि दोषी अपीलकर्ता का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन करवाना चाहिए।

दोषी की मूल्यांकन रिपोर्ट 25 अप्रैल तक कोर्ट में पेश होगी। उसके बाद अदालत इस मामले की सुनवाई 4 मई को करेगी। यह पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से पहले दोषी का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन कराने का आदेश दिया है। इस रिपोर्ट में कोर्ट देखेगा कि उसकी मानसिक स्थिति क्या है और क्या उसमें सुधार की गुंजाइश है, क्या उसे समाज में मुक्त छोड़ा जा सकता है।

सहसपुर थाना विकासनगर में जयप्रकाश ने मध्य प्रदेश के रहने वाले अपने सहकर्मी की बेटी से उस वक्त रेप किया जब वह मजदूरी करने गया था। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा अगस्त, 2019 में उसे दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। इस फैसले के खिलाफ दोषी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।