किसान आंदोलन की तर्ज पर भाषा की लड़ने की तैयारी, सभा का देखें वीडियो

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया (बोकारो)। झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले गोमिया के चतरोचट्टी कर्बला मैदान में 15 फरवरी को सभा हुई। वक्‍ताओं ने कहा कि यह लड़ाई भाषा को लेकर शुरू हुई थी। अब खतियान आधारित स्थानीय नियोजन और उद्योग नीति लागू करने तक जारी रहेगी। हजारों की संख्या में शामिल महिला, पुरुष एवं बच्चे हाथों में तख्तियां लेकर गांव-गांव से पेटरवार कर्बला मैदान पहुंचे। इस दौरान रैली में शामिल लोगों ने हेमंत सरकार होश में आओ, स्थानीय नीति लागू करना होगा, बाहरी भाषा नहीं चलेगी आदि नारे लगाए गए।

सभा को संबोधित करते हुए झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के अगुवा जयराम महतो ने कहा कि यह लड़ाई झारखंड की भाषा, संस्कृति एवं अपने पहचान को बचाये रखने के लिए एक संवैधानिक लड़ाई है। शहीद निर्मल महतो, बिनोद बिहारी महतो और बिरसा मुंडा के सपनों को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। लगातार हमलोग आंदोलन कर रहे हैं। जबतक सरकार बोकारो और धनबाद से भोजपुरी, मगही, अंगिका को वापस नहीं लेती, तब तक आंदोलन को जारी रहेगा।

वक्‍ताओं ने कहा कि बाहरी लोग हेमंत सोरेन का कुछ निजी चीज छुपा रखा है, जिसके कारण ही उन्‍होंने इस भाषा को बोकारो और धनबाद में लागू किया है। इनके पिता भाषा संस्कृति की ही लड़ाई लड़े हैं। वह भी इस आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। भाजपा के इसी भाषा विरोधी नीति के कारण उन्हें सत्ता से बेदखल किया है। अब झारखंड 22 साल का हो गया है। जवान हो चुका है। अब हर चीजों को जानने लगा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में आईएएस और आईपीएस की आय में वृद्धि हुई है। यहां किस प्रकार इन लोगों ने लूटा है, उसका ताजा उदाहरण सामने है।

वक्‍ताओं ने कहा कि अब यहां के लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि जो विधायक, मंत्री और सांसद बने हैं, उनकी कितनी संपत्ति विदेशों में जमा कर रखी है, उन्हें भी ढूंढ निकालने की क्षमता रखते हैं। यह लड़ाई आगे किसान आंदोलन की तर्ज पर लड़ने का विचार किया जा रहा है। इसके लिए कोर कमेटी की सदस्य निर्णय लेंगे।

भाजपा बाहरी जनता पार्टी है। इसलिए उनके संबंध में कुछ भी कहना जरूरी नहीं है। यदि सरकार भाषा, खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति और उद्योग नीति के सवाल पर निर्णय नहीं लेती है तो असम की तरह युवा सरकार बनाने की ओर हम आगे की लड़ाई लड़ेंगे। सभा को निवर्तमान मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास महतो ने किया। संचालन कौशल महतो ने किया।