रांची। इस मौसम के आने से युवा दिलों की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने में एक प्रेमी अपने प्यार का इज़हार अपने हमदम से करता है, कई लोगों को बहुत इंतज़ार करना पड़ता है दिल की बात कहने में और ये इंतज़ार फरवरी के महीने में ख़त्म हो जाता है।
सदियों पहले, जब रोम में राजा क्लॉडियस का राज था, जो अपने पराक्रम, वीरता और श्रेष्ठता के लिए दुनिया भर में मशहूर थे और एक दिन क्लॉडियस ने अपने सम्राज्य को विश्व शक्ति बनाने के लिए अजीबोग़रीब फ़रमान जारी किया। जिसमें उन्होंने अपने सम्राज्य के किसी भी पुरुष को शादी नहीं करने का आदेश दिया।
इस बारे में क्लॉडियस का कहना था कि शादी करने से पुरुष की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति ख़त्म हो जाती है। ऐसे में रोम की वीरता और श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पुरुषों को अविवाहित रहना ज़रूरी है। क्लॉडियस के इस तुग़लकी फ़रमान से पूरे रोम में हाहाकार मच गया। लोगों ने, खासकर महिला वर्ग ने इसका पूरा विरोध किया और वे धार्मिक संतों के पास पहुंचे। इसके बाद संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस तुग़लकी फ़रमान का पुरज़ोर विरोध किया और रोम के लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के आदेश की परवाह न करते हुए, रोम में सैनिकों और अधिकारियों समेत आम लोगों की शादी करवाई। जिससे क्लॉडियस काफी नाराज़ हुए और उन्होंने 14 फरवरी सन् 269 को संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। फिर संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन संत वैलेंटाइन को सूली पर लटकाया गया, उसी दिन से वैलेंटाइन डे मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई।
हर साल 14 फरवरी का दिन दुनिया भर में वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है। यह दिन साल का सबसे रोमांटिक दिन होता है। वैलेंटाइन डे के मौके पर लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं। उन दिनों शहर के जेलर की एक बेटी थी, जैकोबस नाम की वह लड़की नेत्रहीन थी।
सेंट वैलेंटाइन ने अपनी मौत के समय जेलर की बेटी को अपनी आंखें दान की। इसके साथ ही एक पत्र जैकोबस के नाम लिखा, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’।