दादी ने देखीं 7 पीढ़ियां, 17 पोते, 34 पड़ पोते, 6 सड़ पोते, धूमधाम से निकाली गई अंतिम यात्रा

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राजस्थान। राजस्थान के अलवर में 105 साल की दादी को खास तरीके से अंतिम विदाई दी गई जिसकी अब काफी चर्चा हो रही है। मालाखेड़ा के पृथ्वीपुरा गांव की रूपा देवी की अर्थी को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया। अंतिम यात्रा में बैंड-बाजे पर फिल्मी गाने बजाए गए।

बताया जा रहा है कि गांव में यह पहला मौका था जब महिलाएं भी शव यात्रा में शामिल हुईं हैं। परिजनों का कहना है कि रूपा देवी लता मंगेशकर की बड़ी फैन थीं।उनका कहना है कि दादी उस दौर की ज्यादातर गाने सुना करती थीं। लता दीदी के निधन की खबर सुनते ही रूपा देवी काफी दुखी हो गई थी।

बताया जा रहा है कि मंगलवार को रूपा देवी का निधन हुआ। फिर उनके बेटों और पोतों ने उन्हें खास तरीके से अंतिम विदाई देने की सोची। फिर ग्रामीणों से बातचीत कर तय किया गया कि उनके अंतिम विदाई में लता मंगेशकर के गीत बजाए जाएंगे। सभी मान गए। रूपा देवी की अर्थी को सजाया गया।

अंतिम यात्रा में बैंड-बाजे पर बॉलीवुड सॉन्ग के साथ लता दीदी के ‘ ऐ मेरे वतन के लोगों और हम छोड़ चले हैं महफिल’ जैसे गाने बजाए गए। रूपा देवी का परिवार भी काफी बड़ा है। उन्होंने सात पीढ़ियां देखीं। उनके 4 बेटे, 17 पोते, 34 पड़ पोते, 6 सड़ पोते हैं। 3 बेटियों का परिवार अलग से है। पूरे परिवार में करीब 150 सदस्य हैं।

इतना ही नहीं गांव में सरकारी नौकरी में सबसे अधिक रूपा देवी के पोते-पड़ पोते हैं। इस परिवार के 15 सदस्य सरकारी नौकरी में हैं, जिनमें से 11 पुलिस सेवा में हैं। 4 अन्य सरकारी नौकरी में हैं।