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पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही, ये गंभीर आरोप

झारखंड
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रांची। पेयजल विभाग के एक कार्यपालक अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी। उनपर कई तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके लेकर रिटायर आईएएस को विभागीय जांच पदाधिकारी बनाया गया है। उन्‍हें 105 दिनों में जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल अभियंता निलंबित हैं। उनका मुख्‍यालय मुख्यालय पेयजल एवं स्वच्छता अंचल जमशेदपुर है।

आरोपी कार्यपालक अभियंता का नाम पंडित मार्कण्डेय कुमार राकेश है। हजारीबाग पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल में रहते हुए उनपर कई आरोप लगे। इसकी जांच हजारीबाग प्रमंडल के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के वित्तीय लेखा एवं अन्य अभिलेखों की जांच संयुक्त सचिव-सह-संयुक्त निदेशक, SBM (G) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई थी।

जांच समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में राकेश के विरुद्ध प्रमंडलीय कर्मियों के साथ मिलीभगत कर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत वित्तीय अनियमितता बरतते हुए सरकारी राशि के विचलन एवं फर्जी निकासी संबंधी गंभीर आरोप विभाग को प्रतिवेदित किये गये।

जांच प्रतिवेदन की समीक्षा के बाद राकेश के विरुद्ध प्रतिवेदित आरोपों के संदर्भ में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। राकेश द्वारा दिये स्पष्टीकरण सहित पूरे मामले की सम्यक समीक्षा विभाग द्वारा की गयी। इसमें उनके विरूद्ध पदीय शक्ति का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता बरतने एवं सरकारी राशि के विचलन और फर्जी भुगतान संबंधी आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये गये।

प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाये गये आरोपों के लिए विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया गया। विभागीय कार्यवाही संचालन के लिए रि‍टायर आईएएस को जांच संचालन पदाधिकारी और विभागीय पक्ष प्रस्तुत करने के लिए अवर सचिव राजेश कुमार को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच संचालन पदाधिकारी को 105 दिनों में जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया है।