झारखंड से नेताजी की जुड़ी हैं चार प्रमुख यादें, जन्मदिवस पर लोग कर रहे स्मरण

झारखंड देश
Spread the love

रांची। झारखंड से नेताजी सुभाषचंद्र बोस की चार प्रमुख यादें जुड़ी हुई हैं। आज उनके जन्मदिवस पर इन बातों की बखूबी चर्चा हो रही है और लोग उन्हें तहेदिल से स्मरण कर रहे हैं। रामगढ़ में कांग्रेस के 53वें अधिवेशन के दौरान 20 मार्च 1940 को नेताजी आए थे। इससे पहले 13 दिसंबर 1939 को खूंटी के रास्ते रांची आए थे और वहां लालपुर में फणीन्द्रनाथ आइकत परिवार के घर में ठहरे थे। वहां उनकी चप्पल और हेयरक्रश छूट गई थी, जिसे आयकत परिवार आज भी संजोकर रखे हुए है।

वहीं रामगढ़ में नेताजी का भाषण भी यादगार रहा था। बताया जाता है कि वहीं से उनकी राहें बापू से अलग हो गई थी। उसी दौरान उनका प्रवास हजारीबाग में भी हुआ था। सात अप्रैल 1940 को नेताजी ने पीएन घोष को पत्र लिखा था। यह वही पीएन घोष थे जिनकी लॉज में नेताजी ठहरे थे। उन्होंने आनंद भवन के मालिक सूरत बाबू को बकाया बिल के भुगतान करने का निवेदन किया था। वहीं पलामू के मेदिनीनगर में 10 फरवरी 1940 को शिवाजी मैदान में जनसभा को संबोधित किया था। इससे कई युवा प्रभावित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे।

नेताजी का नाम गोमो के इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। वहां 18 जनवरी 1941 की रात नेताजी गोमो को महानिष्क्रमण के चुना था। उसी रात करीब दो बजे उन्हें अंतिम बार देखा गया था। गोमो से ही नेताजी ने ट्रेन पकड़ी थी।