नई दिल्ली। हल्दिया से पान्डू तक का प्राचीन जलमार्ग दोबारा चालू होगा। इसके लिए इस आंतरिक बंदरगाह का ठेका दे दिया गया है। इसकी घोषणा केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल ने की।
मंत्री ने कहा कि हल्दिया आंतरिक जलमार्ग बंदरगाह के लिये ठेका दिया जा चुका है। जेटी जल्द शुरू हो जायेगी। इस रास्ते से आयात-निर्यात और आंतरिक माल का आवागमन गुवाहाटी के पान्डू बंदरगाह के लिये चालू हो जायेगा। इस तरह राष्ट्रीय जलमार्ग-2 के जरिये पूर्वोत्तर क्षेत्र कोलकाता से जुड़ जायेगा। इसकी शुरुआत हो जाने से ‘चिकेन-नेक’ (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) का विकल्प तैयार हो जायेगा। इसके जरिये पूर्वोत्तर क्षेत्र से देश के अन्य राज्यों और विदेशों के लिये माल का आवागमन सस्ता एवं आसान हो जायेगा।
सोनोवाल ने कोलकाता और हल्दिया बंदरगाह के गोदी और जहाजरानी उद्योग के विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत की। सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख तेल कंपनियों, टाटा स्टील और सेल जैसी इस्पात कंपनियों, बंदरगाह संचालकों, जहाजरानी कंपनियों, मालवाहक पोतों के संचालकों, सीमा शुल्क क्लियरिंग एजेंटों और श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह की जमीन का इस्तेमाल करने वालों ने बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे कोलकाता बंदरगाह के रास्ते राष्ट्रीय जलमार्ग-1 और राष्ट्रीय जलमार्ग-2 के समुद्री और नदी मार्ग के संगम का इस्तेमाल करने के इस अनोखे अवसर में साझीदार बनें।
मंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय जलमार्ग एक और दो के रखखखाव के लिये ठेका दिया जा चुका है, जिसके तहत पानी की गहराई कायम रखी जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बैंको को गारंटी देने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे मालवाहक पोतों को आसान और सरल नियमों के तहत बैंकों से धनराशि मिल सके, ताकि यह सेक्टर भी विकास कर सके। हितधारकों ने आश्वास्त किया कि वे इस अवसर का उपयोग करने के लिये आगे आयेंगे और इस मिशन को सफल बनायेंगे। हितधारकों के सम्मेलन में 40 से अधिक प्रमुख कर्ता-धर्ताओं ने शिरकत की।