कोरोना के बढ़ते केस के बीच राहत, टाटा सेंट्रल हॉस्पीटल में नया विंग चालू

झारखंड
Spread the love

  • टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन ने समुदाय को किया समर्पित

रामगढ़। झारखंड में कोरोना के बढ़ते केस के बीच राहत की खबर आई है। टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन ने टाटा सेंट्रल हॉस्पीटल में अत्याधुनिक नये विंग का शुभारंभ 5 जनवरी को किया। टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (रॉ मैटेरियल्स) डीबी सुंदर रामम और टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कॉर्पोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी ने संयुक्त रूप से वेस्ट बोकारो डिवीजन के जेनेरल मैनेजर मनीष मिश्रा के साथ इसके उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत की।

इस अवसर डीबी सुंदर रामम ने कहा, ‘पिछले सात दशकों से अधिक समय से टाटा सेंट्रल हॉस्पीटल वेस्ट बोकारो में मुदाय को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। अति-आधुनिक सुविधाओं से लैस इसका नया विंग मौजूदा सुविधाओं को और भी उन्नत करेगा। यह ना केवल यह सुनिश्चित करेगा कि सामान्य मरीजों का इलाज सम्पूर्ण चिकित्सीय सेवा के साथ आइसोलेशन में हो, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि कोविड-19 के बीच गर्भवती माता और नवजात शिशुओं को भी उचित स्वास्थ्य सेवा मिले।‘

चाणक्य चौधरी ने कहा, ‘नया विंग एकदम उचित समय पर सामने आया है। टाटा सेंट्रल हॉस्पीटल में ट्रूनेट टेस्टिंग लैब और एक स्व-सक्षम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के साथ 130 बेड की कोविड सेवा सुविधा से लैस यह डिवीजन कोविड-19 काल में उत्पन्न होने वाली विभिन्न स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है।‘

टाटा सेंट्रल हॉस्पीटल में नवनिर्मित विंग को नेस्ट-इन की अत्याधुनिक सामग्री से बनाया गया है। यह 2555 वर्गफुट के क्षेत्र में विस्तृत है। अति-आधुनिक 28-बेड की इस सुविधा में पेशेंट वार्ड, नर्स रूम, ड्रेसिंग रूम, मेडिसीन रूम और मरीज व अस्पताल के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। बाहरी दीवारें वेदर शील्ड पेंट और मोटी एसीपी क्लैडिंग के साथ उच्च घनत्व वाले फाइबर सीमेंट बोर्ड से बनी हैं। आंतरिक दीवारें एफसीबी बोर्ड और जिप्सम बोर्डिंग से बनी हैं। बाहरी और आंतरिक दीवारों के बीच रॉकवूल इन्सुलेशन की एक परत है। फिसलन को रोकने के गुण के साथ फर्श पर डबल चार्ज विट्रिफाइड सिरेमिक टाइलें भी लगाई गई हैं।

रॉकवूल जैसी सामग्री के उपयोग के साथ अति-आधुनिक नया विंग न केवल यह सुनिश्चित कर रहा है कि पूरी इमारत थर्मल दक्षता बनाए रखे। आयामी स्थिरता प्रदान करे। आग से बचाए और वाष्प पारगम्य बना रहे। यह भी सुनिश्चित करता है कि मरीज को पर्याप्त विश्रांति मिले, क्योंकि रॉकवूल इमारत को ध्वनिरोधी भी बनाता है।

कार्यक्रम में डॉ सुधीर रे, जीएम, मेडिकल सर्विसेज, टाटा स्टील, डॉ राजन चौधरी, एडवाइजर, मेडिकल सर्विसेज, टाटा स्टील, बी वी सुधीर, चीफ (सीबी), वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, अनुराग दीक्षित, चीफ (क्यूएसईबी), वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, राजेश पटेल, चीफ (क्यूएबी), वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, पी के श्रीवास्तव, चीफ (सीईपी), वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, कैलाश गोप, सचिव, राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (आरसीएमएस), वेस्ट बोकारो और महेश प्रसाद, अध्यक्ष, आरसीएमएस, वेस्ट बोकारो भी मौजूद थे।

वर्ष 1948 में स्थापित टाटा सेंट्रल हॉस्पीटल हर साल इलाज के लिए 2800 से अधिक मरीजों को भर्ती करता है। हर साल 1,05,000 से अधिक मरीज बुनियादी जांच के लिए हॉस्पीटल के ओपीडी में जाते हैं। हॉस्पीटल में एक समर्पित 50 बेड की कोविड केयर सुविधा, 833 लीटर प्रति मिनट पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, ट्रूनेट लैब, 5 वेंटिलेटर और 12 नॉन इनवेसिव वेंटिलेटर हैं। यहां कुल 24 डॉक्टर और 43 नर्सिंग स्टाफ मरीजों की सेवा में दिनरात काम करते हैं। टीसीएच ने कोविड-19 टेस्टिंग और कोविड-19 टीकाकरण, दोनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। अब तक 10000 से अधिक व्यक्तियों ने कोविड जांच करायी है। वेस्ट बोकारो व इसके आसपास के 78000 से अधिक व्यक्तियों को टीका लगाया गया है।