केवीके वैज्ञानिक जानेंगे किसानों की आय दोगुनी करने की तकनीकी

कृषि झारखंड
Spread the love

  • बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने 5 दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरू की

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा बुधवार से 5 दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। इसका विषय ‘फसल प्रणाली के अवयवों के प्रबंधन से किसानों की आय दोगुनी’ है। इस ट्रेनिंग में राज्य के 24 जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के 34 वैज्ञानिक भाग ले रहे है।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने कहा कि वर्तमान काल में लाभकारी कृषि के अभिनव तकनीकी से किसानों की आय में तेजी से बढ़ोतरी किया जाना संभव प्रतीत होने लगा है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों को लाभकारी कृषि की अद्यतन तकनीकी से अवगत कराने के उद्देश्य से इस ट्रेनिंग का आयोजन किया जा रहा है, ताकि केवीके वैज्ञानिकों के सहयोग एवं प्रयासों से जिले में किसानों की आय में बढ़ोतरी को गति दी जा सके।

मौके पर अपर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एस कर्मकार ने कहा कि‍ आधुनिक कृषि तकनीकी में नित्य उपयोगी बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश में उन्नत और अद्यतन तकनीकी का किसानों के बीच निरंतर प्रसार किये जाने की आवश्यकता है।

ट्रेनिंग के पहले दिन हार्प (पलांडू) के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एसके नायक ने संरक्षित कृषि तकनीक से आय में बढ़ोतरी, नाहेप कंसलटेंट डॉ केएस रिसम ने एकीकृत कृषि प्रणाली अधीन पशु धन से आय में बढ़ोतरी, झारखंड मिल्क फेडरेशन के प्रबंधक पवन कुमार मारवाह ने दुग्ध मूल्यवर्धन से किसानों की आय में बढ़ोतरी की जानकारी दी।

बीएयू के गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने किसानों की आय दोगुनी करने में खाद्यान एवं दलहनी फसलों के मूल्यवर्धन की प्रौद्योगिकी के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन केवीके चतरा के प्रधान डॉ रंजय कुमार सिंह ने की।