रांची। झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ ने वेतनवृद्धि, समायोजन और खूंटी अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 15 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की। हालांकि राज्यहित और प्रतिदिन कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए हड़ताल और कार्य बहिष्कार कार्यक्रम को स्थगित कर दिया।
संघ के अध्यक्ष पवन कुमार, महासचिव कार्तिक उरांव और संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि आंदोलन के स्वरूप में बदलाव किया गया है। उन्होंने अभद्र व्यवहार करने वाले खूंटी अनुमंडल पदाधिकारी के खिला विभागीय जांच बैठाते हुए उनपर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की।
संघ के पदधारियों ने कहा कि इससे भी हमारी मांगों पर विभाग और सरकार द्वारा निर्णय नहीं लिया जाता है तो मजबूरन सभी कर्मियों को पूर्ण रूपेण कार्य बहिष्कार और हड़ताल में जाना होगा। इससे कोविड का संपूर्ण कार्य बाधित हो सकता है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं में परेशानी हो सकती है।
ये है आंदोलन का स्वरूप
17 और 18 जनवरी, 2022 को राज्य के सभी एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्यकर्मी काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज करेंगे।
19 और 20 जनवरी, 2022 को सभी कर्मी अपने-अपने शरीर पर मांग पत्र का तख्ती लगाकर कार्य करेंगे।
21 जनवरी, 2022 को सभी कर्मी अपने-अपने जिलों में भूख हड़ताल में रहते हुए कार्यों का संपादन करेंगे।
22 जनवरी, 2022 को सभी कर्मी अपने-अपने जिलों में सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपेंगे।
24 जनवरी, 2022 को 1 दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर राज्य के सभी कर्मी रहेंगे।