रांची। झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर 10 लाख के इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक के सरेंडर का एलान कर दिया। उसने आईजी अभियान एवी होमकर और रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज के सामने एके-47 के साथ आत्मसमर्पण किया।
इस मौके पर आईजी ऑपरेशन एवी होमकर ने कहा कि महाराज प्रमाणिक का हथियार डालना पुलिस ने लिए बड़ी सफलता है। अब नक्सलियों का संगठन से मोहभंग हो रहा है। महाराज प्रामाणिक ने भी माना है कि नक्सली संगठनों के पास कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं है। उनका एकमात्र लक्ष्य लेवी वसूली है।
बताया गया कि महाराज प्रमाणिक दो दर्जन से भी ज्यादा नक्सली वारदात में वांछित था। उसने सरायकेला के कुकुरूहाट, लांजी समेत कई घटनाओं को अंजाम दिया था। 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरूहाट में पुलिस बलों पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। मार्च 2021 में लांजी में आईईडी धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप महाराज प्रमाणिक के दस्ते पर लगा था। महाराज प्रमाणिक की तलाश राज्य पुलिस के साथ साथ एनआईए को भी थी। राज्य पुलिस ने महाराज पर 10 लाख का इनाम रखा था।
पिछले साल माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पूर्व तीन बार इलाज का बहाना बनाकर महाराज संगठन से बाहर आया था। इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आ गया था। संगठन को इसकी जानकारी मिल गई, तब 14 अगस्त को वह संगठन छोड़कर भाग गया। भागने के साथ ही वह संगठन के 40 लाख रुपए, एक एके 47 रायफल, 150 से अधिक गोलियां और पिस्टल लेकर भाग खड़ा हुआ।