- उपायुक्त की अध्यक्षता में विधायक और रैयतों के साथ बैठक
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम प्रखंड के मौजा उलातू में गेल इंडिया लिमिटेड की गैस पाइपलाइन का काम चल रहा है। इस काम को लेकर आवश्यक बैठक 7 दिसंबर, 2021 को रांची समाहरणालय में हुई। बैठक में मांडर विधायक बंधु तिर्की, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, रांची उपायुक्त छवि रंजन, गेल इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि संबंधित अंचल अधिकारी रैयत एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। मौके पर रैयतों को मुआवजा भुगतान के लिए विचार किया गया। पूर्व में किस आधार पर मुआवजा भुगतान हुआ, इसे लेकर चर्चा की गई।
भू अर्जन अधिनियम लागू नहीं होता
बैठक के दौरान मुआवजा भुगतान पर विधि सम्मत विचार विमर्श करने के बाद विधायकों और ग्रामीणों के बीच कोर्ट जाने का निर्णय लिया गया। यह बताया गया कि पाइपलाइन कार्य में भू अर्जन अधिनियम लागू नहीं होता। पेट्रोलियम एंड मिनरल्स पाइपलाइन एक्स 1962 के तहत मुआवजा राशि को लेकर किसी तरह के विवाद होने पर पी एंड एमपी एक्ट की धारा 11(5) के तहत डिस्ट्रिक्ट जज के पास जाने का प्रावधान है।
आम सहमति बनाने का निर्णय
मुआवजा राशि भुगतान को लेकर कोर्ट जाने से पहले ग्रामसभा कर आम सहमति बनाने का निर्णय हुआ। ग्रामीण 1 से 2 दिन में ग्राम सभा कर कोर्ट जाने का प्रस्ताव देंगे। गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा ग्राम सभा होने तक कार्य नहीं करने का अंडरटेकिंग भी दिया जाएगा।
पाइपलाइन का काम नहीं रुकेगा
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि कोर्ट में मामला चलने के दौरान पाइप लाइन बिछाने का कार्य नहीं रुकेगा। विधायकों ने रैयतों से बातचीत कर इस पर सहमति बनाई।
पूर्व में दिया गया मुआवजा
आपको बताएं कि पूर्व में गेल द्वारा रैयतों को शहरी क्षेत्र के हिसाब से 2600 का भुगतान किया गया था। ग्रामीणों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के अनुसार मुआवजा भुगतान की बात कहने पर रांची उपायुक्त के निर्देश पर जांच कराई गई थी। बीडीओ की रिपोर्ट के आधार पर गेल के सक्षम प्राधिकार को ग्रामीण क्षेत्र के अनुसार मुआवजा राशि बढ़ाने को लेकर अवगत कराया गया था। इसके बाद रैयतों को 5200 रुपये प्रति डिसमिल का भुगतान किया गया। 87 रैयतों में 13 को भुगतान किया जाना बाकी है।