जेसीईआरटी में हुई शिक्षक की मृत्यु की न्यायिक जांच की मांग उठाई संघर्ष मोर्चा ने

झारखंड
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रांची। जेसीईआरटी के हॉस्‍टल में दो दिन पहले शिक्षक आलोक कुमार की मृत्यु हो गई थी। इसकी तफ्तीश करने झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल 29 दिसंबर को जेसीईआरटी परिसर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के संयोजक मंडल के आशुतोष कुमार, अमीन अहमद, डॉ सुधांशु कुमार सिंह एवं प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार दास शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक जांच के क्रम में पाया गया कि दिवंगत शिक्षक का चयन जेसीईआरटी के फैकल्टी के रूप में किया गया था। उनकी मर्जी के विरुद्ध छुट्टी के समय गढ़वा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विरमित करते हुए जेसीईआरटी में योगदान देने को विवश किया गया। फलस्वरूप उक्त शिक्षक ने दबाव में जेसीईआरटी में योगदान दिया। योगदान के ही दिन उनकी मौत हो गई। यह संदेहास्पद लगती है। इससे राज्य के तमाम शिक्षक समाज आक्रोशत है। इसके बावजूद जेसीईआरटी के उप निदेशक प्रदीप कुमार चौबे चुप्‍पी साधे हुए हैं।

प्रतिनिधिमंडल के अनुसार जांच में यह भी पाया कि जेसीईआरटी परिसर मात्र दो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के भरोसे चलाया जा रहा है। सभी कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं। उप निदेशक से बात करने की कोशिश नाकाम रहने के बाद वहां के एक प्रभारी से टेलीफोन पर एवं परिसर में मौजूद दैनिक कर्मचारी से बातचीत कर मामले की तफ्तीश की।

आलोक कुमार

मोर्चा के मुताबिक वहां अव्यवस्था का आलम है। इसे देख प्रतिनिधिमंडल सीधे रातु थाना पहुंचकर ड्यूटी पर मौजूद नरेश यादव से दिवंगत शिक्षक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं फोरेंसिक जांच के संबंध में जानकारी ली गई। देर शाम तक उक्त मामले में गठित मेडिकल बोर्ड एवं फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो सकी थी। रिपोर्ट आते ही मोर्चा को अवगत कराने की बात कही।

रिपोर्ट आने के पूर्व पुलिस किसी भी बात की अंदाज लगाने में असमर्थ दिखी। मोर्चा ने सभी मामले को जल्द से जल्द पूर्ण करने का दबाव प्रशासन पर बनाया है।

जेसीईआरटी में तमाम अनियमितता, शिक्षकों के प्रति असंवेदनशीलता एवं अव्यवस्था को देखते हुए मोर्चा ने विभाग से निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की। दिवंगत शिक्षक के परिवार को उचित मुआवजा राशि मुहैया कराने की अपील की। इस संबंध में मोर्चा जल्द शिक्षा सचिव, जेसीईआरटी निदेशक के साथ-साथ रांची एसएसपी को ज्ञापन देकर दिवंगत शिक्षक की संदेहास्पद मृत्यु की न्यायिक जांच करने की मांग करेगा। जांच के बाद दोषी को तुरंत गिरफ्तार करने की अपील करेगा।