प्रशांत अंबष्ठ
गोमिया (बोकारो)। शादी हुए कुछ घंटे ही बीते थे कि अनहोनी की खबर घर पहुंच गई। इसके बाद पूरे शादी की खुशी गम में बदल गई। पूरे घर में कोहराम मच गया।
दरअसल, साले की शादी संपन्न होने के बाद घर लौट रहे जीजा और भांजी की मौत सड़क हादसे में हो गई। इसमें पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उसे बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर किया गया है।
जैनामोड़ रेफरल अस्पताल में बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने की बात भी कही जा रही है। बच्ची और महिला को बिना ऑक्सीजन के ही अस्पताल में लिटाकर रखा गया। बोकारो सदर अस्पताल रेफर करने के बाद बच्ची और उसकी मां को एंबुलेंस में ऑक्सीजन लगाया गया।
जानकारी के मुताबिक कसमार के मंजूरा के रहने वाला श्रीधर महतो अपने साले की शादी संपन्न कराने के बाद चास के पुपुनकी गांव से बाइक से पत्नी संगीत और डेढ़ वर्षीय बच्ची प्राची के साथ अपने घर लौट रहा थे। इस दौरान जारीडीह थाना क्षेत्र के बोकारो-रामगढ़ मुख्य पथ में बांधडीह के पास एक ट्रक ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। इसमें घटना में मौके पर ही श्रीधर महतो की मौत हो गई। बच्ची और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गए।
मौके से गुजर रही कसमार की रहने वाली जहाना प्रवीण ने दोनों को उठाकर अस्पताल जैनामोड़ पहुंचाया। वहां इन लोगों के इलाज में भारी लापरवाही बरती गई। बिना ऑक्सीजन के ही मां और बच्ची को आधे घंटे तक बेड में लिटाकर रखा गया। बोकारो सदर अस्पताल पहुंचने के बाद डेढ़ सौ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। महिला को बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर किया गया।
इस घटना के बाद बोकारो स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। पूरे कोरोना काल में देश को ऑक्सीजन रूपी संजीवनी देने वाले बोकारो में एक बच्ची की मौत अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं लगाने से हो जाती है।