जापान और भोपाल से सीख लेकर आगे बढ़ने की जरूरत : उपायुक्‍त

झारखंड
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  • जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण पर कार्यशाला आयोजित

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय वर्ष 1945 में जापान के नागासाकी और हि‍रोशिमा में अमेरिका ने परमाणु बम गिराया। उस समय हजारों लोग मारे गए। उसका परिणाम आज तक वहां जन्म ले रहे बच्चों में देखा जा सकता है। इसी प्रकार भोपाल में गैस लीक होने के वजह से त्रासदी हुई, जिसका परिणाम आज भी भोपाल के लोग भुगत रहे हैं। आधुनिकता की दौड़ में हम प्रकृति का साथ छोड़ रहे हैं, जो सही नहीं है। आज एसी का इस्तेमाल वातावरण को गर्म कर रहा है। उक्‍त बाते उपायुक्‍त दिलीप कुमार टोप्‍पो ने कही। वे गुरुवार को जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण के विषय पर नगर भवन में वारियर मॉम्स, होप और जेएसएलपीएस की ओर से आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।

रचना के वक्‍त सृष्टि खूबसूरत

उपायुक्त ने कहा कि सृष्टि की रचना जब हुई थी, तब काफी खूबसूरत थी। घने जंगल थे। नदियों में साफ पानी था। चट्टानें थीं। सभी तरफ हरियाली थी। वर्तमान में मनुष्य जाति ने इस खूबसूरत प्रकृति का स्वरूप बिगाड़ दिया। हमने नदियों को बांध दिया। मनमाने ढंग से पेड़ काटे। चट्टानों को काट डाला। परिणाम यह है कि आज धरती का तापमान बढ़ गया है। अतिवृष्टि, ओला वृष्टि, बाढ़, तूफान की खबरें आती हैं। कोविड-19 जैसी महामारी भी इसी का परिणाम है। दिल्ली-एनसीआर में प्रत्येक वर्ष काला घना कोहरा छा जाता है। जनजीवन प्रभावित होता है। अगर हम ऐसे ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते रहे तो आने वाली पीढियां हमें माफ नहीं करें। हमें आने वाले पीढ़ी के लिए प्रकृति को सहेजना होगा।

साफ पानी को तरसेंगे

पानी का दोहन नही करें। पानी बचाएं। जलस्रोतों का संरक्षण करें। उन्हें रिचार्ज करें। अगर नहीं सहेजेंगे तो साफ पानी को तरसेंगे। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। प्रत्येक व्यक्ति प्रकृति के प्रति अपना कर्तव्य निभाये।

कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार लाल, जेएसएलपीएस की स्टेट प्रोग्राम मैनेजर पूर्णिमा मुखर्जी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मनीषा तिर्की, जेएसएलपीएस डीपीएम प्रकाश रंजन, होप संस्था की मनोरमा एक्का समेत बड़ी संख्या में महिला स्वयंसेवक आदि उपस्थित थे।